पणजी, 13 अप्रैल 2021
गोवा में बीजेपी को आज उस वक्त बड़ा झटका लगा जब उसकी सहयोगी पार्टी गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने एनडीए से रिश्ता तोड़ लिया। गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) ने राज्य की भाजपा नीत सरकार पर ‘गोवा विरोधी नीतियां’ अपनाने का आरोप लगाया और मंगलवार को वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से अलग हो गई। चालीस सदस्यीय गोवा विधानसभा में जीएफपी के तीन विधायक हैं।
जीएफपी ने 2017 में एनडीए को मनोहर पार्रिकर की अगुवाई में भाजपा की सरकार बनवाने के लिए समर्थन दिया था। हालांकि पर्रिकर के 2019 में निधन के बाद प्रमोद सावंत की अगुवाई वाली सरकार में जीएफपी के तीन मंत्रियों को स्थान नहीं मिलने से पर्टियों के बीच संबंध ठीक नहीं चल रहे थे। जिसके बाद जीएफपी की राज्य कार्यकारी समिति और राजनीतिक मामलों की समिति ने मंगलवार को बैठक की। जिसमें एनडीए से अलग होने का फैसला लिया गया।
इसके बाद जीएफपी के प्रेसिडेंट विजय सरदेसाई ने भाजपा के नेता और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख कर राजग से अलग होने के पार्टी के निर्णय के बारे में सूचना दी। बता दें कि, जीएफपी के गठबंधन से अलग होने से प्रमोद सावंत सरकार की स्थिरता पर कोई आंच नहीं आएगी क्योंकि विजय सरदेसाई नीत पार्टी सत्तासीन गठबंधन का हिस्सा नहीं है।
सरदेसाई ने अमित शाह को लिखे पत्र में कहा कि, मैं आपको गोवा फॉरवर्ड पार्टी के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से औपचारिक रूप से अलग होने की सूचना देने के लिए पत्र लिख रहा हूं। इसमें कोई शक नहीं है कि राजग के साथ हमारे संबंध जुलाई 2019 में ही समाप्त हो गए थे, पुन:विचार की कोई गुजाइश नहीं है। उन्होंने दावा किया कि पिछले दो वर्षों में भाजपा ने गोवा विधानसभा के सत्रों में लगातार ‘गोवा विरोधी नीतियां’ पेश की है। जुलाई 2019 से गोवा में नेतृत्व ने राज्य की जनता से मुंह फेर लिया है,जो चहुंमुखी विकास की आस उनसे लगा कर बैठी थी।