गोरखालैंड जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने सोमवार से दार्जिलिंग में सरकारी और गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) के दफ्तरों में अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय इलाके में अपने सियासी फायदे के लिए अलगाव की राजनीति से बाज आ जाए।
#Darjeeling Paramilitary force patrol the city during the indefinite bandh called by Gorkha Janmukti Morch pic.twitter.com/8wygduhj6c
— ANI (@ANI_news) June 12, 2017
संगठन ने दार्जिलिंग आ चुके या आने वाले पर्यटकों को भी अपने खतरे पर यहां पर रुकने को कहा। इस बंद के कारण से पर्यटकों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आपको बता दें कि बंद के आह्वान के बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी आदेश जारी कर दिया है कि सभी कार्यालय खुले रहेंगे। इसके साथ ही सड़कों पर भारी सुरक्षाबल तैनात किए गए।
Tourists are facing a lot of problems due to bandh; will have to think twice before coming to Darjeeling again: Shahbaaz, tourist pic.twitter.com/aoL2dbFhEO
— ANI (@ANI_news) June 12, 2017
इस बयान को लेकर शनिवार को आयोजित एक बैठक के बाद मोर्चा प्रमुख विमल गुरुंग ने कहा कि वे ममता के रवैये के बारे में केंद्र सरकार से बात करेंगे। उनका कहना है कि ममता का रवैया ठीक नहीं है। ममता जिस तरह तानाशाही नीतियां अपना रही हैं, उससे उन्हें जल्दी ही गिनीज बुक में जगह मिल जाएगी।
उन्होंने कहा, वह इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को पत्र लिखेंगे। वो ममता की चल रही ज्यादतियों की जानकारी देंगे।
क्यों भड़की हिंसा-
आपको बता दें कि पूरे बंगाल के स्कूलों में बंगाली पढ़ाए जाने को अनिवार्य किए जाने के कारण हिंसा भड़की थी। इस वजह से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दौरे के खिलाफ गोरखा जनमुक्ति मोर्चा पूरे पहाड़ी इलाके में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रही है। आपको बता दें कि इसी प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े ताकि प्रदर्शनकारियों को अलग-थलग किया जा सके। विरोध प्रदर्शन के चलते कई सारे पर्यटक पहाड़ी इलाकों में फंसे हुए थे।
केवल अंग्रेजी और नेपाली में लिखे सूचनापट्ट लगाए जाएंगे-
जीजेएम महासचिव रोशन गिरी ने संगठन की केंद्रीय समिति की बैठक के बाद कहा, सोमवार से जीटीए कार्यालय, बैंक और सरकारी कार्यालय अनिश्चितकाल तक बंद रहेंगे। सार्वजनिक लेनदेन के लिए बैंक सप्ताह में दो बार खुले रहेंगे। हमने स्कूलों, कॉलेजों, परिवहन, होटलों को बंद के दायरे से बाहर रखा है। उन्होंने घोषणा की कि दार्जिलिंग, कलिमपोंग, कुरसीयोंग, मिरिक, सिलीगुड़ी, तराई और दोआर क्षेत्र से बंगाली में लिखे सभी सूचना पट्ट हटाए जाएंगे। केवल अंग्रेजी और नेपाली में लिखे सूचनापट्ट रहने दिए जाएंगे।