राजस्थान के जोधपुर में ब्लू व्हेल चैलेंज के चक्कर में झील में कूद कर खुदकुशी करने की कोशिश करने वाली लड़की ने फिर जान देने की कोशिश की है। 10वीं क्लास में पढ़ने वाली लड़की ने इस बार नींद की गोलियां खाकर खुदकुशी की कोशिश की है, मगर समय रहते परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती करवा दिया। फिलहाल आईसीयू में उसका इलाज किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार जोधपुर के मंडोर इलाके में रहने वाली पीड़ित लड़की (17) ब्लू व्हेल गेम खेल रही थी। उसने इसके सारे स्टेज पार कर लिए थे। सोमवार की रात उसे लास्ट टास्क के रूप में पहाड़ी से कूदकर खुदकुशी करनी थी। उसने रात करीब 11 बजे पहाड़ी से कायलाना झील में छलांग लगा दी थी। तभी लोगों ने उसे देख लिया और उसे पानी से बाहर निकाला।
उसके परिजनों को सूचित किया गया। वे लोग उसे लेकर घर गए और उसकी काउंसलिंग कराई गई, मगर इसका कोई फायदा नहीं हुआ। पीड़ित लड़की डिप्रेशन में रह रही थी। उसने नींद की गोलियां खाकर एक बार फिर खुदकुशी की कोशिश की, मगर इस बार भी वह कामयाब न हो सकी। पीड़िता बीएसएफ जवान की बेटी है। वह कई दिनों से अपने एंड्रॉइड फोन से गेम खेल रही थी।
जोधपुर की तरह पुडुचेरी में भी बचाई जान-
जोधपुर की तरह पुडुचेरी में भी जानलेवा बन चुके खूनी खेल ब्लू व्हेल चैलेंज का अंतिम चरण पूरा करने वाली एक लड़की को समय रहते पुलिस ने बचा लिया। पुडुचेरी के उप्पलम में रहने वाली प्रिया (21) एक नेशनल बैंक में काम करती है। कुछ दिनों से उसका व्यवहार अजीबोगरीब हो गया था। इसको देखते हुए उसके दोस्त को शक हो गया था। वह उस पर नजर रखने लगा।
बीते रविवार की सुबह प्रिया ने अपने दोस्त को फोन किया और बोला कि उसे नहीं पता कि वह इस समय कहां पर है। इसके बाद उसका फोन कट गया। प्रिया के दोस्त ने तुरंत पुलिस को इस बारे में जानकारी दी। पुलिस की टीम उसे ढुंढते हुए उसके पास पहुंच गई। प्रिया एक बीच के किनारे अकेले बैठी हुई थी। उसके हाथ में फोन था। पुलिस ने उसे पकड़ करके उसके माता-पिता को सौंप दिया।