उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या और दिनेश शर्मा विधान परिषद के लिए निर्विरोध चुन लिए गए हैं। इन तीनों के साथ ही स्वतंत्रदेव सिंह का भी एमएलसी के रूप में निर्विरोध चयन हुआ है। जैसा कि संभावित था विपक्षी पार्टियों ने बीजेपी उम्मीदवारों के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है।
आपको बता दें कि यूपी सरकार में सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ ही चार मंत्री ऐसे थे, जो न तो विधायक थे और न ही MLC। ऐसे में उन्हें मंत्री पद पर बने रहने के लिए 6 महीने के अंदर सूबे के किसी एक सदन का सदस्य होना जरूरी था। ऐसे में इन मंत्रियों के 19 सितंबर को 6 महीने पूरे हो रहे थे, इस डेटलाइन से पहले इन्हें सदन का सदस्य बनना था।
पांच MLC के इस्तीफे से रिक्त हुई सीट-
पिछले दिनों सूबे के पांच MLC ने अपने पदों से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया था। इनमें चार एसपी और एक बीएसपी के MLC थे। एसपी के यशवंत सिंह, अशोक वाजपेयी, सरोजिनी अग्रवाल और बुक्कल नवाब थे, तो वहीं बीएसपी के जयवीर सिंह ने भी इस्तीफा दिया था।
चुनाव आयोग ने पांच सीटों के बजाए चार सीटों पर चुनाव कराने का फैसला लिया था। जयवीर सिंह के कार्यकाल का एक साल से कम का समय बचे होने पर उन्हें मना कर दिया गया था। मगर बाद में चुनाव आयोग ने दोबारा से अधिसूचना जारी करके रिक्त हुई जयवीर सिंह की सीट पर चुनाव कराने का फैसला लिया है। इससे बीजेपी के सभी सदस्यों की राह आसान हो गई है।