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गैर मान्यता प्राप्त संस्था को मान्यता प्राप्त बताकर एडमिशन लेने और फीस के रूप में धोखे से लाखों रुपए हड़पने के आरोपी इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट (आईआईपीएम) के संस्थापक व डीन प्रोफेसर अरिंदम चौधरी के खिलाफ एसीजेएम सुदेश कुमार ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 28 सितंबर को होगी।

क्या है पूरा मामला?
कोर्ट में आलमबाग के लव शर्मा ने परिवाद दायर करके बताया था कि 2009 में आईआईपीएम में एमबीए समेत अन्य कोर्स में प्रवेश का विज्ञापन प्रकाशित कराया था। 2009-11 के सत्र के लिए एमबीए में प्रवेश लिया व फीस के रूप में सवा पांच लाख रुपए जमा किए। एडमिशन के समय उसे आश्वासन दिया गया कि संस्था भारत सरकार से मान्यता प्राप्त है।

परंतु जब तिमाही परीक्षा का रिजल्ट मिला तो पता चला कि वह एक प्रिंटेड कागज था। पड़ताल करने पर सामने आया कि हजरतगंज स्थित संस्था पंजीकृत नहीं है। परिवाद को दर्ज करने के बाद आरोपी के खिलाफ साक्ष्य पाते हुए अदालत ने तलब किया तो आरोपी ने कोर्ट के आदेश को सत्र न्यायालय में चुनौती दी।

सत्र न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश को सही पाते हुए चुनौती को खारिज कर दिया। जिस पर एसीजेएम ने आरोपी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया।