मौसम धीरे-धीरे बदल रहा है। मौसम में हो रहा ये बदलाव कई बीमारियों को भी साथ ले आता है। यदि थोड़ा ध्यान न दिया जाए तो बीमार होना निश्चित है।
इस मौसम में अक्सर फू़ड प्वाएजनिंग की शिकायत होती है। वैसे तो इस बीमारी का प्रकोप बरसात तक चलनेे वाला है। इसकी चपेट में अक्सर वो लोग आ जाते हैं, जो बाहर का खाना खाते हैं।
कई बार होटलों, रेस्ट्रोरेंट और ढाबों में साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है, जिसकी वजह से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
कैसे करें बचाव
1- वैसे हम तो यही सलाह देंगे कि बाहर का खाना न खाएं वही ज्यादा अच्छा होगा।
2- यदि बाहर खाना खाते हैं तो कोशिश करें कि ताजा और गर्म खाना ही खाएं।
3- जिस होटल में आप खाना खा रहे हैं। वहां इस बात का जरूर ध्यान रखें कि जहां खाना बन रहा हैॆ, वहां साफ सफाई हो रही है या नहीं।
4- खाने में हल्का और कम मसालेदार भोजन ही खाएं। तली-भुनी चीजों से दूर रहें।
5- सुबह का नाश्ता कोशिश करें कि घर में ही करें, तो ज्यादा अच्छा होगा।
यदि हो जाए फूड प्वाएजनिंग
यदि आपको फूड प्वाएजनिंग हो जाए तो तुरंत डॉक्टर से मिले। मेडिकल स्टोर से खुद ही दवाएं लेकर न खाएं। कई बार फूड प्वाएजनिंग जानलेवा हो जाता है। पानी ज्यादा से ज्यादा पिएं। बाहर का खाना बिलकुल बंद कर दें। घर में हल्की मूंग कि खिचड़ी खा सकते हैं, मगर बिना डॉक्टर की सलाह के कुछ भी न खाएं।
ये चीजें पहुंचाती हैं फायदा
अदरक : यह प्राकृतिक एंटी बायोटिक का काम करती हैं। ये पेट के संक्रमण को ठीक कर देती हैं। इसको चाय के साथ भी लिया जा सकता है। खाने में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
नींबू : इसमें पाया जाने वाला एसिड पेट में संक्रमण करने वाले बैक्टीरिया को मार देता है। गर्मियों में इसका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए।
दही : दही खाने से फूड प्वाएजनिंग जल्दी ठीक हो जाता है।
मेथी दाना : एक चम्मच मेथी दाना पानी में भिगो दें। आधे घंटे बाद उसको थोड़ा-थोड़ा कर खाएं, तो पेट की बीमारियां ठीक हो सकती हैं।
जीरा : पेट की बीमारियों के लिए जीरा हमेशा से फायदेमंद रहा है। यदि पेट दर्द हो रहा है, तो जीरा भूनकर खाना चाहिए।
अनार : कमजोरी दूर करने के लिए अनार का जूस जरूर पीना चाहिए।
ब्राउन सुगर : यह भी एक एनर्जी का अच्छा माध्यम है। ठीक होने के लिये एक चम्मच खाना चाहिए।
तुलसी : तुलसी की पत्तियों को चाय में डालकर पीना चाहिए।
पुदीना : गर्मियों में पुदीना लाभदायक साबित होता है, कोशिश करें कि इसकी चटनी रोज़ाना खाएं।