उत्तर प्रदेश: उत्तरप्रदेश के इटावा ज़िले में एक बार फिर इंसानियत तार-तार हुई है। यहाँ के जिला अस्पताल में एक 45 साल के पिता को बेटे का शव अपने कंधे पर रखकर ले जाना पड़ा। अस्पताल ने शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस तक मुहैया नहीं कराई।
दरअसल उदयवीर अपने बेटे पुष्पेंद्र का इलाज कराने के लिए इटावा के जिला अस्पताल लाया था। उदयवीर का आरोप है कि अस्पताल में डॉक्टरों ने उसके बेटे का इलाज नहीं किया। उसके बेटे के पैरों में दर्द था। डॉक्टरों ने उसे बिना देखे ही मृत घोषित कर दिया और उसे अस्पताल से ले जाने के लिए कह दिया। उसके बाद पिता अपने बेटे के शव को कंधे पर रखकर अस्पताल परिसर से बाहर निकल गया। उदयवीर का कहना है कि वह दो बार अपने बेटे को अस्पताल लेकर आया था। उदयवीर का गांव अस्पताल से 7 किलोमीटर दूर है। डॉक्टरों ने पुष्पेंद्र के लिए एंबुलेंस तक की व्यवस्था नहीं कि जोकि गरीबों के लिए फ्री है।
जब वह अस्पताल से बेटे के शव को कंधे पर लेकर बाहर निकला तो किसी ने मोबाइल पर इसका वीडियो बना लिया था।
उदयवीर बेटे के शव को बाइक से घर लेकर गए। उदयवीर ने कहा कि किसी ने मुझे नहीं बताया कि मैं अपने बेटे के शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस का हकदार हूं या नहीं। सीएमओ डॉक्टर राजीव कुमार यादव का कहना है कि दोषी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।