जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारुख अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर की समस्या पर बड़ा बयान दिया है। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर भारत को अमेरिका और चीन की मदद स्वीकार कर लेनी चाहिए।
मीडिया से बात करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुद कई बार कह चुके हैं कि वो कश्मीर मामले में मध्यस्थता की बात कह चुके है, जबकि हमने उनसे ऐसी कोई बात नहीं कही है। वहीं चीन भी चाहता है कि वो इस मामले में मध्यस्थ की भूमिका निभाए।
उन्होंने कहा कि हम लोग चीन और पाकिस्तान से युद्ध नहीं कर सकते हैं, क्योंकि हमारी तरह उनके पास भी एटम बम हैं। इसलिए इस मुद्दे को बातचीत से ही सुलझाना चाहिए।
वहीं अब्दुल्ला के इस बयान पर जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कहा है कि फारुख अब्दुल्ला के बयान की निंदा करता हूं। जब अब्दुल्ला मुख्यमंत्री तो कहते थे कि पाकिस्तान पर हमला करना चाहिए, आज ऐसे बयान दे रहे हैं। यह निचले स्तर की बात करते हैं।
निर्मल सिंह का कहना है कि क्या फारुख अब्दुल्ला यह चाहते हैं कि भारत पाकिस्तान के सामने घुटने टेके, क्या वह चाहते हैं कि इस प्रकार की बात हो जो पाकिस्तान के सपनों को पूरा करने में मदद करें। मैं उनको कहूंगा कि माफी मांगे।
आपको बता दें कि फारुक अब्दुल्ला इससे पहले भी कश्मीर मामले पर विवादित बयान दे चुके है। एक बार तो उन्होंने कश्मीर में सेना पर पत्थरबाजी करने वालों का समर्थन करते हुए कहा था कि वो लोग अपने देश के लिए लड़ रहे हैं। इसके बाद उन्हें कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी थी।