नई दिल्ली, 22 मई 2021
कोरोना वायरस काल में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन बदस्तूर जारी है। पिछले साल शुरू हुए आंदोलन को इस बुधवार यानी 26 मई को छह महीने पूरे होने जा रहे हैं, इस मौके पर किसान संगठनों ने ‘काला दिवस’ मनाने की घोषणा की है। इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर फिर से बातचीत करने का प्रस्ताव रखा है। जिसको लेकर उम्मीद जताई जा रही हैं कि आने वाले दिनों में केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच फिर से बातचीत का दौर शुरू हो सकता है।
केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए दो नए और एक संशोधित कृषि कानूनों के खिलाफ मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने नवंबर, 2020 के आखिरी सप्ताह से अपने आंदोलन की शुरुआत की थी। इस दौरान कई बार केंद्रीय मंत्रियों संग किसान नेताओं की बैठक हुई लेकिन दोनों पक्ष किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके। 26 मई, 2021 को अब किसान आंदोलन को 6 महीने पूरे हो जाएंगे जिसको लेकर आंदोलन को नया रूप देने की तैयारी की जा रही है। संयुक्त किसान मोर्चे के बलबीर सिंह राजेवाल ने शनिवार को बताया कि 26 मई के दिन को देशभर के किसान ‘काला दिवस’ के रूप में मनाएंगे।
आपको बता दें कि इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पीएम बने 7 सात पूरे हो रहे हैं, 26 मई को गांव और शहरों में किसान-मजदूर अपने घरों, दुकानों और इंडस्ट्री पर काले झंडे लगाकर विरोध दर्ज कराएंगे। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट शेयर कर 26 मई को आंदोलन के नए सिरे से शुरुआत की जानकारी दी है। उन्होंने एक पोस्टर शेयर किया जिसमें लिखा है, ’26 मई को सभी किसान अपने घर पर काले झंडे लगाएं, गांव में सभी किसान सरकार का पुतला दहन करें, समस्त किसान गांव के मुख्य चौराहों पर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन करें।’