महाराष्ट्र में किसानों ने अपना विरोध प्रदर्शन खत्म कर दिया है। यह विरोध मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद ख़त्म किया गया है। किसान उत्तर प्रदेश के योगी मॉडल की तरह महाराष्ट्र में किसानों की कर्ज माफी और फसलों के बेहतर दाम की मांग कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने किसानों की मांगें मान ली है और 30 अक्टूबर तक जो लोग कर्ज अदायगी में सक्षम नहीं उनका लोन राज्य सरकार की तरफ से भरा जाएगा। सीएम फडणवीस ने देर रात तक किसानों से बातचीत की और इसके साथ ही उन्होंने कर्ज माफी के खाके को लेकर विभिन्न कृषि संगठनों से भी चर्चा की। दरअसल कृषि उत्पादों की गिरती कीमतों से महाराष्ट्र के किसान परेशान हैं। उनका कहना है कि मुनाफा तो दूर लागत भी नहीं निकल पा रही है। इसी वजह से किसान सरकार पर कर्ज माफी का ऐलान करने के लिए जोर दे रहे हैं।
कर्ज माफी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बातचीत विफल रहने के बाद किसानों ने गुरुवार से उग्र आंदोलन छेड़ रखा था. इस आंदोलन के तहत किसानों ने मुंबई सहित विभिन्न शहरों को दूध-सब्जी की सप्लाई रोक दी थी। वहीं शिर्डी सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में किसानों ने दूध के टैंकर को खोल कर सारा दूध हाईवे पर बहा दिया था।
किसानों ने ट्रकों को बीच रास्ते में रोक कर फल-सब्जियों, खाद्य तेल, चॉकलेट, बिस्किट के पैकेटों को सड़क पर गिरा दिया। इस वजह से बाजार में 10 रुपये में मिलने वाली चीज का दाम बढ़कर 40-50 रुपये और दूध-सब्जियों जैसी रोजमर्रा के उपयोग की चीज़ों की भारी किल्लत हो गई थी।