चुनाव आयुक्त ओमप्रकाश रावत ने देश के मौजूदा राजनीतिक हालातों को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि आजकल हर हाल में चुनाव जीतना एक चलन सा बन चुका है। लोकतंत्र तभी अच्छा चलता है, जब चुनाव निष्पक्ष और सही तरीके से हो। मगर आम आदमी को ऐसा लगता है कि राजनीतिक दल चुनाव को हर हाल में जीतना चाहते हैं और इसके लिए एक तरह का हस्तलेख भी लिखते हैं।
ओपी रावत ने सीधा हमला करते हुए कहा कि विधायकों की खरीद-फरोक्त करना, उन्हें धमकाना एक चतुर चुनावी प्रबंधन है। किसी को अपनी ओर करने के लिए रुपयों का लालच देना, राज्य तंत्र का उपयोग करना, ये सब चुनाव जीतने का हिस्सा बन चुका है। विजेता कोई पाप नहीं कर सकता है और एक हारने वाले को भी इस अपराधिक दोष से मुक्त नहीं किया जा सकता है।
आज की राजनीति में यह एक तरह की मामूली चीज हो गयी है। मगर इस सबसे मुक्ति के लिए सभी राजनीतिक दलों, राजनेताओं, मीडिया और समाज के अन्य लोगों को बेहतर चुनाव के लिए योगदान देना चाहिए।
गौरतलब है कि चुनाव आयुक्त के इस बयान को सीधे तौर पर हाल ही में हुए गुजरात राज्यसभा चुनाव से देखकर जोड़ा जा रहा है। जहां पर कांग्रेस नेता अहमद पटेल को हराने के लिए बीजेपी ने अपनी पूरी शक्ति का इस्तेमाल किया था। कांग्रेस ने अपने विधायकों को किसी भी खरीद-फरोक्त से बचाने के लिए बंगलुरु के एक रिसॉर्ट में छुपा कर रखा था। इसके साथ ही कई विधायकों ने राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले इस्तीफा भी दे दिया था।