चुनाव आयोग के साथ सभी राजनीतिक दलों की 12 मई को प्रस्तावित बैठक के पांच मुद्दों में से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के साथ वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) अंतिम विषय है। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को EVM से जुड़े मुद्दों और अन्य चुनाव संबंधी सुधारों पर चर्चा के लिए बैठक रखी है।
चुनाव के दौरान रिश्वत देने का मामला
EVM की विश्वसनीयता को लेकर लगातार उठ रहे सवालों पर मीटिंग के दौरान राजनीतिक दल VVPAT को भी चर्चा का केंद्र बना सकते हैं। चुनाव आयोग के अनुसार मीटिंग का पहला मुद्दा भारतीय दंड संहिता (IPC) में संशोधन कर चुनाव में मतदाताओं को नकद या सामान के रूप में रिश्वत देने को संज्ञेय अपराध के दर्जे में लाने पर होगा।
चुनावी चंदे में पारदर्शिता का मुद्दा
रिश्वत देने का आरोप लगते ही जनप्रतिनिधि को तुरन्त अयोग्य घोषित करने का प्रावधान जन प्रतिनिधित्व कानून में जोड़े जाने पर चर्चा होगी। मीटिंग का चौथा मुद्दा राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में पारदर्शिता बढ़ाने के प्रस्तावित उपाय रहेंगे।
आखिरी मुद्दा EVM के साथ VVPAT को जोड़कर मतदान में पारदर्शिता बढ़ाने का है। 12 मई को होने वाली इस मीटिंग में राष्ट्रीय पार्टियों के साथ ही राज्यों और क्षेत्रों की 39 पार्टियां हिस्सा लेंगी।
सुरक्षित हैं चुनाव आयोग की मशीनें
गौरतलब है कि 9 मई को दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में सौरभ भारद्वाज ने ईवीएम जैसी मशीन में गड़बड़ी कर नतीजे बदल कर दिखाए थे। मीडिया रिपोर्टों पर चुनाव आयोग ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि चुनाव आयोग की वोटिंग मशीनें तकनीकी तौर पर पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
EVM पर उठाए जा रहे हैं सवाल
यूपी विधानसभा के चुनाव नतीजे आने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने सबसे पहले ईवीएम पर सवाल उठाए थे, जिसका यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी समर्थन किया था। वहीं आम आदमी पार्टी ने भी ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए दिल्ली नगर निगम चुनाव बैलेट पेपर से कराने की मांग की थी।