नई दिल्ली, चुनाव आयोग ने आज पूर्वोत्तर के तीन राज्यों- त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान किया. मुख्य चुनाव आयुक्त एके ज्योति ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि तीनों राज्यों में दो चरण में होंगे चुनाव. त्रिपुरा में पहले चरण के लिए 18 फरवरी को चुनाव होगा. दूसरे चरण में मेघालय और नागालैंड में 27 फरवरी को वोटिंग होगी. 3 मार्च को तीनों राज्यों के नतीजे आएंगे.
मुख्य चुनाव आयुक्त एके ज्योति ने कहा कि इन चुनावों में पूरी तरह से ईवीएम के साथ वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा, उम्मीदवार ईवीएम को चैक भी कर सकते हैं. तीनों ही राज्य में आज से ही आचार संहिता लागू हो जाएगी. सभी राजनीतिक कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि बॉर्डर चैकपोस्ट पर भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे.
Polling for legislative assembly elections in Tripura to be held on 18 Feb, polling in Meghalaya & Nagaland to be held on 27 Feb; Counting for all three states on 3 March: AK Joti, CEC pic.twitter.com/SPlHhGTZtW
— ANI (@ANI) January 18, 2018
गौरतलब है कि इन तीनों राज्यों में 60-60 विधानसभा सीटें हैं. इन तीनों राज्यों का विधानसभा कार्यकाल मार्च में खत्म हो रहा है. र्थ ईस्ट बीजेपी के लिए अहम तो राहुल के लिए चुनौती आजादी के एक दशक तक पूर्वोत्तर राज्यों में कांग्रेस का खासा दबदबा रहा. इसके बाद इन राज्यों में वाम और स्टेट पार्टी ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली.
कहां किसकी है सरकार?
नागालैंड में नागा पीपुल्स फ्रंट की सरकार है. इस सरकार को बीजेपी का सपोर्ट है. मेघालय में कांग्रेस की सरकार है और त्रिपुरा में माकपा की अगुवाई वाला वाममोर्चा राज्य में 1993 से सत्ता में है.
2013 में 28 फरवरी को आए थे रिजल्ट
बता दें, 2013 में त्रिपुरा में 14 फरवरी को जबकि मेघालय व नागालैंड में 23 फरवरी को वोट डाले गए थे. वहीं, परिणाम 28 फरवरी को घोषित किए गए थे.
तमाम दलों ने रणनीति पर काम शुरू किया
बीजेपी, कांग्रेस समेत तमाम दलों ने पूर्वोत्तर के इन तीन राज्यों में चुनाव तैयारियों की रणनीति पर विचार शुरू कर दिया है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह त्रिपुरा के दौरे पर भी गए थे. इसी महीने के आखिर में बीजेपी त्रिपुरा में पीएम मोदी की दो रैलियां कराने की योजना पर भी काम कर रही है.
राहुल के लिए पुराने गढ़ में जगह बनाना चुनौती
हाल ही में कांग्रेस के अध्यक्ष बने राहुल गांधी के लिए ये चुनाव चुनौती के तौर पर है. क्योंकि मेघालय में बीजेपी अपनी पकड़ मजबूत करने में लगी है. साथ ही त्रिपुरा में इंडिजिनियस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ सकती है. दरअसल, बीजेपी इन राज्यों को 2019 के लोकसभा चुनाव के फाइनल एग्जाम का प्री टेस्ट मान कर काम रही है. इस हिसाब से इन राज्यों को जीतने के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है.