कोलकाता, 30 मार्च 2021
पांच राज्यों के चुनाव के बीच सर्वाधिक चर्चित सीट नंदीग्राम में प्रचार अभियान (Nandigram Election Campaign) आज थम गया. पश्चिम बंगाल में 1 अप्रैल को दूसरे चरण के चुनाव में 30 विधानसभा सीटों पर वोटिंग की जानी है. इन्हीं सीटों में से एक नंदीग्राम भी है. वैसे तो ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के साथ नंदीग्राम का नाम 2007 के बाद से ही जुड़ा हुआ है लेकिन इस चुनाव में बीजेपी के शुभेंदू अधिकारी (Suvendu Adhikari) को टक्कर देने के उनके फैसले ने इस सीट को महत्वपूर्ण बना दिया. शुभेंदू अधिकारी पहले ही घोषणा कर चुके हैं दीदी चुनाव लड़ने आ तो गई हैं लेकिन कम से कम 50 हजार वोटों से हारेंगी. वहीं ममता बनर्जी भी शुभेंदू अधिकारी की चुनावी हार के साथ राज्यभर में संदेश देने को लेकर आश्वस्त हैं.
वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक नंदीग्राम के ब्लॉक एक में 34 प्रतिशत, ब्लॉक दो में 12.1 प्रतिशत और ब्लॉक तीन में 40.3 प्रतिशत मुस्लिम वोटर थे. अब 10 साल बाद इस संख्या में बढ़ोतरी हुई होगी. 2016 में नंदीग्राम सीट पर वोटरों की संख्या करीब सवा दो लाख थी. इसमें पुरुष वोटर एक लाख 20 हजार से ज्यादा थे और महिला वोटों की संख्या एक लाख 11 हजार से ज्यादा थी. 2016 में वहां 86.97 यानी करीब 87 प्रतिशत वोट पड़े थे.
ममता की चोट के बाद और गर्म हुआ राजनीतिक माहौल
याद दिला दें कि इस सीट पर नामांकन के बाद चुनाव प्रचार के दौरान ममता बनर्जी को चोट लग गई थी. इस चोट को ममता बनर्जी ने हमला बताते हुए षड्यंत्र की तरफ इशारा किया था. वहीं विपक्षी दलों की तरफ से इसे सहानुभूति लूटने का हथकंडा भी करार दिया था. अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद ममता बनर्जी तकरीबन सभी जगह व्हील चेयर पर ही दिखाई दी हैं.
पहले चरण की वोटिंग के बाद ममता बनर्जी ने पांच दिनों तक नंदीग्राम के इलाके में ही रुकने का फैसला किया था. यह भी कहा जा रहा है कि एक कठिन लड़ाई की वजह से ममता बनर्जी नंदीग्राम और उसके आस-पास के इलाकों में ही बंध गई हैं. 1 अप्रैल को वोटिंग समाप्ति के बाद ही ममता अन्य इलाकों के चुनाव प्रचार में सक्रिय हो पाएंगी.