नॉनवेज लोगों को मछली खाना बहुत पसंद होता है। इसमें प्रोटीन, ओमेगा-3, फैटी एसिड, विटामिन, खनिज और अन्य कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। इनको खाने से कैंसर से बचाव, दिमाग का विकास, दिल से संबंधित समस्याएं, ब्लड प्रैशर ठीक, त्वचा और बालों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। मगर क्या आप जानते हैं कि भारत के कुछ क्षेत्रों में पाई जाने वाली मछलियां खाने से व्यक्ति खतरनाक बीमारियों का शिकार भी हो सकता है। 2009 में भारतीय पर्यावरण प्रबंधन संस्थान द्वारा भारत में पाई जाने वाली मछलियों पर एक अध्ययन करवाया गया। इसमें यह पाया गया कि मुंबई के वर्सेवा डॉक में पाई जाने वाली मेकरले, पोम्रेट और मरकरी मछलिया खाना में सुरक्षित नहीं हैं। इनको खाने से शरीर को बहुत सी समस्याएं हो सकती है। मगर मुंबई के आसपास की दूसरी जगहों में पाई जाने वाली मछलियां खाने के लिए अच्छी हैं ।
2015 में कावेरी डेल्टा कि मछलियों पर रिसर्च की गई। इससे यह बात साबित हुई की यहां पाई जाने वाली मछलियों में आयरन, जिंक, सीसा और क्रोमियम की मात्रा ज्यादा है। इनको खाने से व्यक्ति के शरीर पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। इन मछलियों का सेवन करने से व्यक्ति की एकाग्रता कम हो सकती है। दूसरे अध्ययन में पाया गया कि झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा की चिंराट मछली ही खाने के लिए अच्छी है।
2016 में पाई जाने वाली मछलियों में पॉलीक्लोरिनेटेड बाइफिनाइल्स बहुत ज्यादा पाया जाता है। इस तरह की मछलियों को खाने से व्यक्ति को कैंसर और एकाग्रता की परेशानी हो सकती है।