हेल्थ डेस्क: किडनी की समस्या का पहले पता नहीं चलता और जब पता चलता है तो काफी देर हो जाती है। लेकिन हालिया रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि गर्मी के दिनों में किडनी में पथरी का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आपको कुछ सावधानी बरतने की जरूरत है।
बीते दो महीनों में पथरी के रोगियों की संख्या में तीस फीसदी का इजाफा हो गया है। इसके साथ ही यूरिनरी ट्रेक इंफेक्शन और किडनी फेलियर के मरीज भी बढ़े हैं। तापमान बढऩे से बुजुर्गों में प्रोस्टेट की समस्या भी हो रही है। डॉक्टरों ने खूब पानी पीने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर गर्मी और तेज हुई तो पथरी से ग्रसित रोगियों की संख्या में इजाफा हो सकता है। लोगों को प्रतिदिन 4 से 5 लीटर पानी पीने की सलाह दी गई है ताकि किडनी स्वस्थ रहे।
तापमान अधिक होने से हमारा शरीर तेजी से पसीना निकालता है और शरीर का तापक्रम 37 डिग्री बनाए रखता है। पसीने के साथ काफी पानी बाहर निकल आता है। शरीर में साठ फीसदी पानी है। जब कोशिका में 30 फीसदी तक पानी कम हो जाता है तो डिहाइड्रेशन की शिकायत हो जाती है। पानी की कमी पूरी करने के लिए हमारा शरीर मूत्र की सांद्रता बढ़ाता है यानी मूत्र में पानी कम होकर वह अधिक अम्लीय प्रकृति का हो जाता है।
मूत्र गाढ़ा होने के साथ शरीर में मौजूद लवण का अवक्षेपण होने लगता है। इनके चलते ऑक्सजलेट, फॉस्फेट, यूरेट, यूरिक एसिड और अमीनो एसिड के छोटे-छोटे कण किडनी में इकठ्ठा होकर पथरी के रूप में संग्रहित हो जाते हैं। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को यूरीनरी इंफेक्शन का खतरा अधिक होता है।
3 कप पानी कम कर देती है एक कप चाय। 50 फीसदी पानी कम करती है सॉफ्ट ड्रिंक। 2 गिलास पानी कम कर देती है एक गिलास बीयर। 5 से छह लीटर प्रतिदिन पानी पीएं। 2.5 लीटर मूत्र प्रतिदिन करने का प्रयत्न करें। 30 से 60 मिनट बाद पानी पीएं।
42 लीटर पानी है 70 किलो के युवा में। 28 लीटर पानी है कोशिकाओं में। 10 लीटर पानी अंतरकोशिकाएं (लसिका द्रव्य भी शामिल)। 3 लीटर है रक्त प्लाज्मा। 1 लीटर है ट्रांससेलुलर फ्लुड (मस्तिष्क, आंख, फेफड़े)
इसलिए जरूर ध्यान दें किडनी पर, वर्ना हो सकती है फेल
लोग पानी कम पी रहे हैं इसलिए पथरी जम रही है। अगर फिर भी ध्यान नहीं दिया तो किडनी फेलियर की समस्या उत्पन्न हो सकती है।