नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) शैक्षणिक वर्ष 2018-19 में स्नातक पाठ्यक्रमों की दाखिला प्रक्रिया इसबार जल्द शुरू हो जाएगी। 2018-19 प्रवेश समिति अध्यक्ष महाराज के.पंडित के अनुसार अप्रैल के पहले सप्ताह से प्रवेश प्रक्रिया की शुरुआत हो जाएगी। इसके साथ ही दाखिले में अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) की लड़कियों को दो प्रतिशत की अतिरिक्त छूट दी जाएगी। कटऑफ पर भी लगाम लगाने की कोशिश की जाएगी। प्रवेश समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर एमके पंडित ने बताया कि पिछले साल के प्रवेश के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पता चला कि ओबीसी वर्ग में दाखिले के लिए लड़कों की अपेक्षा लड़कियों के आवेदन कम प्राप्त हो रहे हैं जबकि एससी और सामान्य में यह बराबर है। ऐसे में ओबीसी में लड़कियों के कम आवेदन को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय प्रशान ने तय किया कि इस वर्ष स्नातक पाठ्यक्रमों के दाखिलों में ओबीसी वर्ग की छात्राओं को कटऑफ में अतिरिक्त दो फीसद की छूट दी जाएगी।
प्रोफेसर पंडित ने बताया कि समिति के सामने यह बात भी आई कि कॉलेज वास्तविकता से दूर की कटऑफ जारी करते हैं। इससे कटऑफ की संख्या में इजाफा हो जाता है और प्रवेश प्रक्रिया लंबी खिंच जाती है। उन्होंने बताया कि इस बात को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय पिछले तीन चार सालों में कॉलेजों की शुरुआती कटऑफ और उनमें हुए दाखिलों के आंकड़े का प्राचार्यों को अध्ययन कराया जाएगा। इसके बाद कॉलेज के प्राचार्यों की काउंसिलिंग करेगा ताकि अवास्तविक कटऑफ से छूटकारा पाया जा सके। इसके अलावा प्राचार्यों से 3 से 5 साल की कटऑफ का अध्ययन करने के लिए भी कहा जाएगा। उन्होंने बताया कि इस बार अप्रैल के हफ्ते से दाखिला प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
एनसीवेब के लिए आवेदन में होगा अलग टैब
प्राफेसर पंडित ने बताया कि पिछले साल नियमित पाठ्यक्रमों के साथ ही नॉन कॉलेजिएट वुमेंस एजुकेशन बोर्ड (एनसीवेब) का आवेदन फॉर्म था। इसकी वजह बहुत सारी छात्राएं इस फॉर्म को नहीं भर पाई थीं। इस बार ऑनलाइन फॉर्म में एनसीवेब के लिए अलग से टैब बनाया जाएगा ताकि फॉर्म भरते समय छात्राओं को कोई परेशानी न हो।
स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षा नहीं
प्रोफेसर पंडित ने बताया कि इस वर्ष स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसकी संभावनाओं को जांचने के लिए विश्विद्यालय ने एक कमेटी गठित की है। स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रमों के लिए इस वर्ष डीयू कंप्यूटर आधारित प्रवेश परीक्षा का आयोजन करेगा। इसके अलावा प्रवेश परीक्षा के आधार पर जिन स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश होता है। उनकी प्रवेश परीक्षा भी कंप्यूटर आधारित होगी। मगर जिनमें अभी तक कटऑफ के आधार पर होता आया है उनमें कटऑफ के आधार पर ही होगा।
प्रमाण पत्रों की जांच के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञ
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि कई बार प्रवेश के दौरान दाखिला हो जाने के बाद जांच शिकायत मिलने पर या फिर नए सिरे से जांच होने पर प्रमाण पत्र नकली निकलते हैं और दाखिला रद्द कर दिया जाता है। ऐसे मामलों को रोकने के लिए विश्वविद्यालय सभी कॉलेजों से फोरेंसिक विशेषज्ञ तैनात करने के लिए कहेगा ताकि प्रमाण पत्रों को जमा करते समय ही उनकी प्रमाणिकता का पता चल सके।
पूर्वोत्तर में चलाया जाएगा विशेष अभियान
डीयू पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में प्रवेश के लिए विशेष अभियान चलाएगा। प्रवेश समिति के अध्यक्ष ने बताया कि इसके लिए पूर्वोत्तर के नोडल अफसरों की मदद ली जाएगी। इसके अलावा वहां के स्कूलों से संपर्क किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हमारे देश में सबसे अधिक अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग पूर्वोत्तर में ही हैं।
छात्र खुद रद्द कर पाएंगे अपना प्रवेश
स्नातक प्रवेश के लिए नियुक्त किए गए ओएसडी डॉ. गुरप्रीत सिंह टुटेजा ने बताया कि इस बार छात्रों को खुद प्रवेश रद्द करने की सुविधा दी जाएगी। उन्होंने बताया इस जो छात्र अपना प्रवेश रद्द करना चाहेगा, वह पोर्टल पर जाकर इस प्रक्रिया को अंजाम दे पाएगा। इसका प्रिंटआउट लेकर उसे कॉलेज में जाना होगा, जहां से छात्र को उसके सभी प्रमाण पत्र मिल जाएंगे
पिछले साल रजिस्ट्रेशन प्रोसेस 22 अप्रैल से शुरू की गई थी। इस बार डीयू इसे अप्रैल की शुरुआत में लॉन्च करेगा ताकि स्टूडेंट्स को डॉक्युमेंट्स की तैयारी करने का पूरा समय मिल सके। ग्रीवांस रिड्रेसल सिस्टम पर डीयू का पूरा फोकस होगा। डीयू इस बार केंद्रीय विद्यालयों और प्राइवेट स्कूलों के लिए वर्कशॉप भी ऑर्गनाइज कराएगी।