अगर आप व्हाट्सएप ग्रुप में आपत्तिजनक पोस्ट डालते हैं तो सावधान हो जाइये। क्योंकि उत्तर प्रदेश पुलिस ने त्तर प्रदेश पुलिस ने सोशल मीडिया और व्हॉट्सएप ग्रुप्स पर भ्रामक खबरें फैलाने और अफवाहों को बढ़ने से रोकने के लिए एक दिया है। किसी भी सदस्य की गलती की सजा ग्रुप के एडमिन को ही मिलेगी। इसलिए अगर ग्रुप के एडमिन हो तो सावधान हो जाइये।
यह सजा छोटी नहीं है बल्कि व्हाट्स एप्प ग्रुप में आपत्तिजनक पोस्ट डाले जाने की स्थिति में एडमिन को जेल जाना पड़ सकता है। ऐसा ही एक मामला बिहार के किशनगंज जिले में सामने आया है। व्हाट्सएप पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने के जुर्म में पुलिस ने पोस्ट डालने वाले के साथ-साथ ग्रुप एडमिन को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। किशनगंज के एक सरकारी कर्मचारी ने ‘किशनगंज की आवाज’ नामक एक ग्रुप में आपत्तिजनक पोस्ट डाल दी थी।
वाराणसी के डीएम और एसएसपी ने एक संयुक्त आदेश जारी कर हिदायत दी है कि सोशल मीडिया और व्हॉट्सऐप पर ग्रुप चलाने वाले एडमिन सचेत रहें। उनके ग्रुप में किसी भी भ्रामक, गलत तथ्यों से भरी या अफवाह फैलाने वाली पोस्ट पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति के साथ ही ग्रुप एडमिन पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।
वाराणसी के डीएम योगेश्वर राम मिश्रा और एसएसपी नितिन तिवारी द्वारा 19 अप्रैल को जारी आदेशों में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अत्यंत महत्वपूर्ण है अैर स्वतंत्रता के साथ ही जिम्मेदारी भी आवश्यक है।
कई बार व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्यों के बारे में पुलिस को पता नहीं चलता क्योंकि वे फर्जी आईडी से अपना एकाउंट ऑपरेट करते हैं। ऐसे में व्हाट्सएप ग्रुप पर पोस्ट किए गए सारे कंटेट की जिम्मेदारी ग्रुप एडमिन की होती है।
आपक बता दें कि व्हाट्सएप ग्रुप या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आपत्तिजनक पोस्ट लिखना या डालना साइबर क्राइम की श्रेणी में आता है। ऐसे मामलों में आसानी से बेल भी नहीं मिलती। ऐसे मामलों में लिप्ता पाए जाने वाले दोषी को अधिकतम सात साल तक की सजा का प्रावधान है।