नई दिल्ली : पुरषों का महिलाओं के साथ अत्याचार करने का नज़ारा देखा जाना हर जगह ,हर इंसान के लिए आम बात हो गयी है। मैंने यहाँ नज़ारा शब्द का प्रयोग करना इसलिए उचित समझा क्योंकि महिलाओं के साथ होने वाला अत्याचार पुरुष प्रधान समाज के लिए बहुत पहले से ही सिर्फ कौतुहल का ही एक तरीका मात्र रह गया है। ना कोई कभी इसके खिलाफ आवाज उठाता है और ना ही किसी को किसी की इतनी पड़ी होती है कि वो किसी के लिए खड़ा हो सके। मगर आज हम सिक्के के दूसरे पहलू की बात आपको बताने जा रहे हैं जिस पर आज तक इस समाज का ध्यान कभी नहीं गया।
हर बार मर्द कसूरवार नहीं होता , कभी गलती महिला की भी होती है
अक्सर ही देखा जाता है कि जब कोई मर्द किसी महिला को पीट रहा होता है तो समाज यही कहता है कि ”कितना जालिम मर्द है जो अपनी पत्नी को पीट रहा है। ” अब अगर कोई महिला किसी भी मर्द को बेरहमी से पीट रही हो तो भी ये दोगला समाज मर्द को ही गलत ठहरा देता है कि ”अच्छा हो रहा है इसके साथ ,ज़रूर इसने कुछ गलत किया होगा। ” हर हाल में , हर स्थिति में हम पुरुषों पर ही दोष मढ़ देते हैं। मगर हर बार मर्द कसूरवार नहीं होता है। कभी-कभी गलती महिला की भी होती है।
अब तक 6646 मर्द पिट चुके हैं अपनी पत्नियों से
आपने डायल 100 के बारे में तो ज़रूर सुना होगा। आये दिन पुलिस वालों को महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार की रिपोर्ट मिलती ही रहती है। मगरउत्तर प्रदेश राज्य के लखनऊ शहर की हवा ने इस वक़्त एक अलग ही रुख मोड़ लिया है। आपको जानकर हैरानी होगी मगर ये सच है कि पिछले कुछ समय से लखनऊ पुलिस को महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों के साथ अत्याचार होने की रिपोर्ट ज़्यादा मिल रही है।
यूपी पुलिस के रिकॉर्ड से ये बात सामने आयी है कि डायल 100 पर पिछले साल से अब तक 6,646 पुरुषों ने फोन करके अपनी पत्नियों की हिंसा से बचाने के लिए पुलिस से मदद मांगी है। इसका मतलब यही है कि अब पुरुष नहीं बल्कि महिलायें भी पुरुषों पर अत्याचार कर रही हैं।
पुराने रिकॉर्ड से हुआ ये अहम खुलासा
आपको बता दें कि इस रिकॉर्ड का खुलासा तब हुआ है जब हाल ही में अधिकारियों ने पुराने रिकार्ड्स का विश्लेषण किया। तब जाकर ये बात सामने आयी कि पिछले साल से अब तक कुल 43 लाख मामले डायल 100 के ज़रिये दर्ज हुए हैं जिनमे से 7 लाख तो सिर्फ घरेलू हिंसा की ही मामले सामने आये हैं। ये रिकॉर्ड इसलिए भी चौकाने वाले हैं क्योंकि इनमें से 6,500 पुरुषों ने अपनी पत्नियों पर खुद को पीटने का आरोप लगाया है। एडीजी आदित्य मिश्रा ने बताया कि सबसे ज्यादा घरेलू हिंसा के मामले लखनऊ ,कानपुर और गोरखपुर से ही सामने आये हैं। जहां पर पत्नी ही नहीं बल्कि पति भी अपनी पत्नी से पीड़ित हैं।