नई दिल्ली, सरकार ने कहा कि देश के हितों की रक्षा और शत्रु को हथियारों के संबंध में जानकारी रोकने के लिए राफेल विमान सौदे के संबंध में विवरण सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। अगले वित्त वर्ष के आमबजट पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दौरान तत्कालीन रक्षा मंत्रियों प्रणव मुखर्जी और ए.के. एंटनी ने भी कुछ रक्षा सौदों से संबंधित जानकारी संसद में भी नहीं दी थी। उन्होंने लिखित जवाब में कहा था कि इस तरह की जानकारी सार्वजनिक करना देश हित में नहीं होगा।
पुरानी परंपरा का पालन कर रही सरकार: जेटली
जेटली ने कहा कि देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए और शत्रु को हथियारों के संबंध में जानकारी न मिल सके इसलिए सरकार ने पुरानी परंपरा का पालन करते हुए राफेल सौदे के बारे में विवरण देने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार पर पिछले चार साल से कोई भी भ्रष्टाचार का दाग नहीं लगा है, किन्तु विपक्ष मनगढ़ंत आरोप लगा रहा है।
सौदे को लेकर कांग्रेस कर रही है गलत बयानबाजी: जेटली
जेटली ने कांग्रेस अध्यक्ष पर इस सौदे को लेकर गलत बयानी करने का आरोप लगाया जिसपर कांग्रेस तथा कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों शोर शराबा शुरू कर दिया। इस दौरान राहुल गांधी सदन में मौजूद थे। इससे पहले इसी मुद्दे पर जतली और कांग्रेस के शशि थरूर के बीच भी हल्की नोंक-झोंक हुई। राहुल गांधी इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखना चाहते थे लेकिन अनुमति नहीं मिलने पर कांग्रेसी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि जब कांग्रेस अध्यक्ष का जिक्र किया गया है तो राहुल गांधी को अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए। इस पर संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि किसी का नाम नहीं लिया गया है। जेतली ने सिर्फ पार्टी अध्यक्ष कहा है और बेवजह मामले को तूल दिया जा रहा है।