अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पंचम) विनोद कुमार की अदालत ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर पति राजेश गुलाटी को दोषी करार दिया है। अधिवक्ताओं से खचाखच भरी अदालत में न्यायाधीश ने राजेश को हत्या और सुबूत मिटाने का दोषी ठहराते हुए सजा पर फैसला शुक्रवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया है।
दिल दहला देने वाली यह घटना (डीप फ्रीजर कांड) कैंट क्षेत्र के प्रकाश नगर में 12 दिसंबर 2010 को सामने आई थी। सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी पुत्र सतनाम गुलाटी निवासी 141/1 फस्ट फ्लोर सत्य निकेतन, नई दिल्ली। यहां एक मकान में पत्नी अनुपमा गुलाटी व बच्चों के साथ रहता था। अनुपमा का मायका भी दिल्ली के नेताजी नगर में है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 17 अक्टूबर 2010 को अनुपमा से झगड़ा होने के बाद राजेश ने उसकी गला घोंट कर हत्या कर दी थी। इसके बाद स्टोन कटर व आरी से शव के टुकड़े कर घर के अंदर डीप फ्रीजर में दो माह तक छुपाए रखा था।
जब मायके पक्ष का इस दौरान अनुपमा से संपर्क नहीं हुआ, तो 11 दिसंबर 2010 को अनुपमा का भाई सिद्धांत प्रधान बहन के प्रकाश नगर स्थित घर पहुंचा, मगर राजेश ने उसे घर में नहीं घुसने दिया। तब अनुपमा के भाई ने पुलिस बुला ली। पुलिस ने घर की तलाशी ली, तो डीप फ्रीजर से अनुपमा गुलाटी के लाश के टुकड़े प्राप्त हुए। 4 महीने की विवेचना के बाद दस मार्च 2011 को पुलिस ने हत्यारोपी राजेश गुलाटी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी।
बीते 18 अगस्त को हत्याकांड पर अंतिम बहस पूरी होने के बाद अदालत ने गुरुवार को फैसले की तारीख मुकर्रर कर दी थी। गुरुवार को भोजनावकाश के बाद अदालत ने अभियोजन पक्ष की ओर से पेश गवाहों के बयानों और साक्ष्यों के मद्देनजर अभियुक्त राजेश गुलाटी को पत्नी अनुपमा गुलाटी की हत्या का दोषी करार दे दिया और सजा को शुक्रवार को सुनाने का ऐलान कर दिया।