दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि इस साल हुई 12 वीं कक्षा की परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की री-चेकिंग की मांग करने वाली छात्रों की याचिका के नतीजे से दिल्ली विश्वविद्यालय में चल रही दाखिले की प्रक्रिया प्रभावित होगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने कहा कि जिन छात्रों ने री-चेकिंग के लिये आवेदन किया है, उनकी मेरिट स्थिति में बदलाव आने की संभावना है।
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘इसलिये पर्याप्त सावधानी के तौर पर जो छात्र दाखिले का प्रयास कर रहे हैं और कॉलेजों को रिट याचिका के लंबित होने के बारे में सूचित करने की आवश्यकता है कि कुछ छात्रों के अनुरोध पर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा मार्क्स की री-चेकिंग की प्रक्रिया चल रही है।’ उच्च न्यायालय ने कहा, ‘परिणामस्वरूप छात्रों की मेरिट स्थिति में भारी बदलाव आ सकता है।’ उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि इस साल सीबीएसई की परीक्षा के अनुसार हो रहा दाखिला मौजूदा रिट याचिका के अंतिम परिणाम पर निर्भर करेगा।
अदालत ने कहा, ‘यह दिल्ली विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी होगी कि वह सार्वजनिक करे और इस स्थिति के बारे में सभी कॉलेजों को सूचित करे और जारी किये गए आदेश के बारे में पाठ्यक्रमों में दाखिले की कोशिश कर रहे छात्रों को इसकी जानकारी दें।’ अदालत ने विश्वविद्यालय को इस संबंध में एक दिन के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।