भारत की राजधानी दिल्ली में लड़कियों के साथ बहुत ही ज्यादा आपराधिक मामले देखने को मिलते हैं। 16 दिसंबर, 2012 को निर्भया गैंगरेप का मामला सामने आया था। चलती बस में लड़की के साथ कुल 6 लोगों ने गैंग रेप किया था और उसे बस से फेंक दिया था। बाद में 29 दिसंबर को उसकी मौत हो गई थी। इसलिए दिल्ली सरकार ने अपने सभी स्कूलों में लड़कियों को पढ़ाई के साथ आत्मरक्षा की ट्रेंनिंग देने का फैसला किया है।
निर्भया केस के बाद दिल्ली हाइकोर्ट में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर दी गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को यह सुझाव दिया था। कोर्ट के दिए सुझावों को स्वीकार करते हुए दिल्ली सरकार ने दोबारा हुई सुनवाई में कोर्ट को आश्वासन दिया कि अगले कुछ ही महीनों में सभी स्कूलों में लड़कियों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जाएगी।
हाइकोर्ट ने महिलाओं की सुरक्षा मामले की सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा था कि ‘क्या आत्मरक्षा को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जा सकता है?’ कोर्ट ने यह राय दी कि इस तरह की आत्मरक्षा की ट्रेनिंग लड़कियों को और मजबूत करेगी। इन लड़कियों को प्राथमिकता के साथ आत्मरक्षा पर विशेष तकनीक की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।
इस पर दिल्ली सरकार के वकील ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि अगले कुछ महीनों में लड़कियों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग का काम शुरू कर दिया जाएगा। वकील ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया है. इस मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल भी कोर्ट में मौजूद थी।
डीएसएलएसए के पास फंड की कमी के कारण बलात्कार के 308 मामले लंबित है। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फिलहाल डीएसएलएसए को आठ करोड़ रुपये तुरंत जारी करने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट दिल दहला देने वाले निर्भया गैंग रेप और मर्डर मामले में चारों दोषियों की ओर से दाखिल की गई याचिका पर आज फैसला सुनाएगा। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद इसी साल 27 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
राजधानी दिल्ली में हर रोज बलात्कार की घटनाएं दर्ज होती हैं। औसतन प्रति वर्ष रेप की 1500 से 1700 और हत्या की करीब 1000 वारदातें दिल्ली मे दर्ज होती है।