अरविंद केजरीवाल सरकार के कानून मंत्री रहे जितेंद्र सिंह तोमर की डिग्री बिहार स्थित तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय ने रद्द कर दी है। इसके बाद से फर्जी डिग्री के मामले में फंसे जितेंद्र सिंह तोमर की मुश्किलें और भी ज्यादा बढ़ सकती हैं।
मिली जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय के सीनेट ने यह फैसला लिया है। इस मामले को लेकर एक बैठक बीते साल दिसंबर में भी हो चुकी है, जिसमें सहमति बनी थी कि जितेंद्र तोमर की डिग्री रद्द कर दी जानी चाहिए। इस बैठक में तत्कालीन कुलपति रमाशंकर दुबे भी मौजूद थे।
गौरतलब है कि इससे पहले राजभवन की ओर से इस मामले की फाइल यह कहकर लौटा दी गई थी कि पहले विश्वविद्यालय की सीनेट इस पर कोई फैसला करें क्योंकि यह बॉडी फैसला लेने में सक्षम है।
क्या है मामला
दिल्ली सरकार में कानून मंत्री रहे जितेंद्र सिंह तोमर पर यह आरोप लगाया गया था कि उनकी डिग्री फ़र्ज़ी है। शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस की एक टीम विश्वविद्यालय जांच करने पहुंची थी।जहां उनसे जुड़ा कोई दस्तावेज नहीं मिला था।
तोमर पर आरोप लगने के बाद केजरीवाल ने उनको मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। कुछ दिन पहले ही दिल्ली पुलिस ने चार हजार पन्नों का आरोपपत्र दायर किया है।जिसमें 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसमें खास बात यह है कि इस मामले में मुगेर लॉ कॉलेज के प्रधानाचार्य सुरेंद्र कुमार भी शामिल हैं।