चारधाम यात्रा में पंजीकरण व्यवस्था को सरल किया जाए। साथ ही धामों में दर्शन के लिए स्लॉट सिस्टम खत्म किया जाए। पंजीकरण के कारण कोई भी यात्री वापस न जाए। पंजीकरण न होने के कारण कोई यात्री वापस जाता है तो उसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। यह बात चारधाम यात्रा संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति के अध्यक्ष संजय शास्त्री ने रोटेशन के कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में कही।
उन्होंने कहा कि चारधाम के लिए अभी तक दो धामों का स्लॉट फुल हो चुका है। ऐसे में जो यात्री उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान के गांव से आता है, ऋषिकेश में आकर पंजीकरण करता है तो उसे संबंधित तिथि पर दर्शन करने का मौका नहीं मिल पाएगा। पिछले साल की तरह इस बार फिर अव्यवस्था होगी।
उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा पर जाने के लिए केवल पंजीकरण ही आधार होना चाहिए। व्यवस्था ऐसी सरल की जाए कि यदि कोई यात्री दूसरे राज्यों से ऋषिकेश पहुंच गया तो वह अपना पंजीकरण करे और सार्वजनिक वाहन से चारधाम की यात्रा पर चले जाएं। उन्होंने कहा कि 13 मार्च को रोटेशन की बैठक होगी। बाहर की दो कंपनियां भी इस बार रोटेशन में आ गई हैं।
उन्होंने कहा कि अध्यक्ष पद का चयन समिति का आंतरिक मामला है। हेली सेवा को लेकर कहा कि जब यात्रा चरम पर होती है, तब आम आदमी को हेली सेवा का लाभ नहीं मिल पाता। विनोद भट्ट ने कहा कि अधिकांश यात्री अपने पितरों के पिंडदान करने के लिए बदरीनाथ आते हैं। पंजीकरण में स्लॉट व्यवस्था लागू कर अधिकारी यात्रा का स्वरूप बदलने का काम कर रहे हैं। इस अवसर पर नवीन तिवाड़ी, भोपाल सिंह नेगी, बलवीर रौतेला, प्रेेमपाल बिष्ट, देवेंद्र रावत, राजेश खंडूड़ी, संदीप गुप्ता आदि उपस्थित थे।