बुरकापाल

सुकमा जिले के बुरकापाल के आसपास के इलाकों से पुलिस ने 11 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। इनमें ज्यादातर ग्रामीणों के साथ नक्सलियों की संलिप्तता होने की आशंका है।

अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि ये सभी ग्रामीण सुबह से ही नक्सलियों के इशारों पर CRPF के जवानों पर निगाह रखे हुए थे। CRPF के कुछ जवानों ने इन ग्रामीणों से पूछताछ भी की थी क्योंकि उस वक्त CRPF का दस्ता बुरकापाल के करीब ही था।

हिरासत में लिए गए ग्रामीणों के बारे में बताया जा रहा है कि इनमे से तीन ग्रामीण जंगल में गाय चराने के बहाने सुरक्षाबलों पर पैनी निगाह रखे हुए थे। हालांकि उस वक्त सुरक्षा बलों को कुछ संदेह भी हुआ था, मगर उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि कुछ पलों में ही उनकी पूरी आवाजाही की सूचना नक्सलियों तक पहुंच जाएगी।

हिरासत में लिए गए ग्रामीण 24 अप्रैल को CRPF पर हुए हमले के बाद अपने घरों से नदारद थे। हफ्ते भर बाद भी वो अपने घर नहीं लौटे थे। पुलिस ने अभी इनकी गिरफ्तारी की कोई पुष्टि नहीं की है। इन्हें हिरासत में लेकर सिर्फ पूछताछ की जा रही है।

बस्तर रेंज के DIG सुंदरराज पी ने कहा की कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। यदि इनके हमले में शामिल होने का कोई सबूत मिलता है तो इन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करेंगे। गौरतलब है कि 24 अप्रैल को सुकमा के बुरकापाल में दोपहर करीब 1 बजे नक्सलियों ने एम्बुश लगाकर रोड ओपनिंग के लिए निकले सीआरपीएफ के जवानों पर हमला कर दिया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए थे।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर, MHA के जॉइंट सेकेट्री जयदीप गोविंद, छत्तीसगढ़ में नक्सल ऑपरेशन के DGP डीएम अवस्थी समेत CRPF के अफसरों ने पोलमपल्ली और सुकमा में एंटी नक्सल ऑपरेशन की गतिविधियों और रणनीति की जानकारी ली। उन्होंने दिल्ली में 8 मई को आयोजित उच्च स्तरीय बैठक के ब्योरे पर भी विचार विमर्श किया है।

कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, सुकमा हमले के बाद जवानों का मनोबल गिरा है। ऐसे में अहीर यहां जवानों के हालात और मनोबल पर जायजा लेकर अपनी रिपोर्ट सरकार को देंगे। इसके बाद नक्सल रोधी ऑपेरशन की रणनीति में बदलाव के लिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ी बैठक बुलाई है। इसमें 10 राज्यों के मुख्यमंत्री, डीजीपी, मुख्य सचिव और 36 संवेदनशील ज़िलों के डीएम शामिल होंगे।

आपको बता दें कि सुकमा में हुए इस नक्सली हमले में CRPF के 25 जवान शहीद हो गए थे, जबकि 7 जवान घायल हो गए थे। नक्सली जवानों से हथियार भी लूटकर ले भागे थे। दरअसल CRPF जवान सोमवार सुबह 8.30 बजे अपने कैंप दुर्गपाल से रोड ओपनिंग पार्टी के तौर पर निकले थे। दुर्गपाल से करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर चिंतागुफा के पास दो हिस्सें बंट गए। जवानों की संख्या 99 थी। जवानों के दोनों दस्ते करीब 500 मीटर ही आगे बढ़े थे कि उन पर हमला हो गया। घात लगाकर बैठे करीब 300 नक्सलियों ने जवानों को निशाना बनाया।