पुणे. नए साल के मौके पर महाराष्ट्र के पुणे शहर में कोरेगांव भीमा, पबल और शिकरापुर गांव के लोगों व दलितों के बीच एक कार्यक्रम के दौरान हिंसक झड़प हो गई। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत होने से पूरे इलाके में तनावपूर्ण स्थिति है। पुणे से करीब 30 किलोमीटर दूर पुणे-अहमदनगर हाइवे में पेरने फाटा के पास विवाद हुआ जिसमें 25 से अधिक गाड़ियां जला दी गईं और 50 से ज्यादा गाड़ियों में तोड़-फोड़ की गई। दरअसल यहां दलित संगठनों द्वारा पेशवा बाजीराव द्वितीय की सेना पर अंग्रेजों की जीत का शौर्य दिवस मनाया जा रहा था।
आपको बता दें कि 1 जनवरी 1818 में कोरेगांव भीमा की लड़ाई में पेशवा बाजीराव द्वितीय पर अंग्रेजों ने जीत दर्ज की थी। इसमें कुछ संख्या में दलित भी शामिल थे।इससे दो दिन पहले वढू बुद्रुक गांव में समाज के दो गुटों में विवाद हो गया था। इसी विवाद के चलते सोमवार को कोरेगांव भीमा परिसर में दोनों के बीच संघर्ष हुआ।
पुलिस ने समय पर पहुंचकर माहौल पर काबू पा लिया। एहतियात के तौर पर गांव में अतिरिक्त पुलिस बंदोबस्त तैनात किया गया। राज्य आरक्षित पुलिस बल की टुकड़ियां तथा दंगे नियंत्रण पथक भी तैनात किया गया है।
अतिरिक्त जिलाधिकारी राजेंद्र मुठे ने एहतियात के तौर पर हवेली और शिरूर तहसील में धारा 144 लगा दी है। एहतियात के तौर पर मोबाइल टॉवर बंद करने तथा आवश्यकतानुसार नेटवर्क जैमर लगाने का आदेश दिया गया है।
पुलिस ने बताया कि मृतक का शव परीक्षण के लिए भेज दिया गया है। ग्रामीणों द्वारा जलाई गई गाड़ियों में बस और पुलिस वैन सहित कई चारपहिया वाहन शामिल हैं। कोरेगांव के पास स्थित सनसवड़ी में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। सीआरपीएफ की दो टुकड़ियों को शिकरापुर स्टेशन में सोमवार सुबह तैनात किया गया है ताकि आगे की घटनाओं को रोका जा सके।