जिंग

ईस्वी 266 से 290 तक राज करने वाला एम्परर वु जिन राजवंश से नाता रखता था। उसका बहुत सारा समय हरम में बीतता। उसके हरम में 10 हजार से ज्यादा महिलाएं थीं। इतनी महिलाओं के बीच किसके साथ समय बिताया जाए, यह तय करने के लिए वह एक अजीब तरीका अपनाता था। वु हर रात एक ऐसी गाड़ी में बैठकर आता, जिसे बकरियां खींचती थीं। ये बकरियां जिस हरम की जिस महिला के पास रुक जातीं, वु उसे ही चुन लेता।

किंग झोऊ ऑफ शांग ईसा से 1075 साल पहले गद्दी पर बैठा था। उसका शासनकाल ईसा पूर्व 1046 तक रहा। उसने शराब की झील बनवाई थी। उस झील के बीच में एक छोटा-सा टापू था। झोऊ के आदेश से उस टापू के पेड़ों पर पके मांस के टुकड़े लटकाए जाते थे। झाेऊ अपनी रानियों और हरम की महिलाओं के साथ वहां घूमने जाता और वे लोग शराब पीने के साथ मांस खाते।

शहंशाह जिंग ने 157 से 141 ईसा पूर्व तक शासन किया। उसे लुइबो नामक एक बोर्ड गेम का बहुत शौक था। यह पत्थर के बोर्ड पर गोटियों से खेला जाने वाला इंडोर गेम है। एक बार जब जिंग गेम हार गया, तो गुस्से में उसने पत्थर का बोर्ड उठाकर विजेता खिलाड़ी के सिर पर पटक दिया। इससे उसकी तत्काल मौत हो गई। हालांकि मरने वाला कोई साधारण आदमी नहीं था। वह वु एम्पायर का युवराज था। उसके पिता ने बदला लेने के लिए 7 राजाओं के साथ मिलकर जिंग पर हमला कर दिया। लेकिन जिंग ने सभी को हरा दिया।

1505 से 1521 के बीच राज करने वाले एम्परर झेंग्डे को 13 वर्ष की उम्र में ही राजगद्दी मिल गई थी। इसके चलते वह अपना बचपन जी नहीं पाया। लेकिन इसकी पूर्ति के लिए वह तरह-तरह के खेल खेलता था। उसके मंत्रियों की ड्यूटी थी कि वे व्यापारियों की तरह के कपड़े पहनकर उसके साथ व्यापारी-ग्राहक का खेल खेलें। वह चिड़ियाघर में जानवरों का शिकार इस तरह करता मानो वे जंगल में विचरण कर रहे हों।
किंग फु शेंग के बारे में कहा जाता है कि वह काना था। बचपन में जब वह बाज के घोंसले से अंडा चुरा रहा था, तो उसके झपट्टे में उसकी आंख फूट गई थी। अपनी एक आंख को लेकर वह इतना कुंठित था कि उसे सामान्य बातचीत में भी ‘रिक्त’, ‘गायब’, ‘कम’, ‘हीन’, ‘बगैर’ जैसे शब्द अपना मजाक उड़ाते लगते थे। उसने ऐसे शब्दों का प्रयोग अपराध घोषित कर दिया था, जिसकी सजा मौत थी।

किंग वु ने क्विन राज्य पर ईसा पूर्व 310 से 307 तक राज किया था। देखने में भारी-भरकम वु को अपनी मसल्स दिखाने का बहुत शौक था। वह दिमाग और ज्ञान के बजाय शरीर की ताकत को ज्यादा महत्व देता था। वु ने जानकारों और बुद्धिमानों को ऊंचे पद से हटाकर पहलवानों को बिठा दिया था। एक बार उसके राज्य के एक मजबूत व्यक्ति मेंग युए ने उसे वजन उठाने की चुनौती दी। लेकिन इस कॉम्प्टीशन के दौरान वेटलिफ्टिंग करते हुए वु के घुटने चटक गए। इसके चलते भीषण दर्द सहते हुए 8 महीने बाद उसकी मौत हो गई।

तांग राजवंश के एम्परर जुआनझोंग ने 712 से 756 ईस्वी तक 44 साल राज किया था। अंत समय तक उसके हरम में महिलाओं की संख्या 40 हजार तक पहुंच चुकी थी। जाहिर है, इतनी सारी महिलाओं के लिए उसके पास समय नहीं होता था, इसलिए हरम की महिलाएं कविताएं लिखतीं, गणित और साहित्य पढ़तीं और शहतूत के पेड़ों की देखभाल करतीं। इसके बावजूद जुआनझोंग ने हरम में महिलाओं की संख्या बढ़ाना नहीं छोड़ा। कहा जाता है कि उसने अपने बेटे को इस बात के लिए मजबूर किया कि वह अपनी पत्नी से रिश्ता तोड़ ले, ताकि वह (जुआनझोंग) उसे अपने हरम में शामिल कर सके

एम्परर गाओजु (202-195 ईसा पूर्व) का कहना था कि मैं जो कुछ भी पाया है, घोड़े की पीठ पर बैठकर पाया है। वह इतिहास, दर्शनशास्त्र आदि तमाम किताबों को फिजूल मानता था। उस दौर में ज्यादातर स्कॉलर कन्फ्यूशियस के फॉलोअर थे। वे लोग एक नोंकदार टोपी पहनते थे। गाओजु को जब भी ऐसा कोई स्कॉलर दिख जाता, तो वह उसकी टोपी उतरवाकर उसमें यूरिन कर देता था। हालांकि गाओजु के सलाहकार लु जिआ ने उसकी जीतों पर एक किताब लिखी, तब किताबों और स्कॉलर्स को लेकर उसका नजरिया बदल गया। गाओजु ने अपने राज्य में कन्फ्यूशियस स्कूल्स खुलवाए।