नई दिल्ली, पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने रविवार को रोजगार सृजन के मुद्दे पर मोदी सरकार की नीतियों की जमकर आलोचना की है। उन्होंने ट्वीट करके मोदी सरकार पर नए रोजगार पैदा करने के वादे को पूरा न करने का आरोप लगाया है।
बता दें कि मोदी ने पकौड़े बेचने को रोजगार बताया था। इस पर चिदंबरम ने ट्वीट किया, अगर पकौड़े बेचना भी नौकरी है तो पीएम के इस तर्क के मुताबिक भीख मांगना भी नौकरी है। फिर तो गरीब और बेसहारा लोगों को भी नौकरीपेशा माना जाना चाहिए।
5. Even selling pakodas is a 'job' said PM. By that logic, even begging is a job. Let's count poor or disabled persons who are forced to beg for a living as 'employed' people.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 28, 2018
चिदंबरम ने मनरेगा, मुद्रा योजना और सरकार की अन्य योजनाओं को रोजगार के अवसर पैदा करने में विफल बताया। उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना में 43 हजार का लोन लेकर एक व्यक्ति को रोजगार सृजक बनाने का दावा किया गया है, लेकिन ऐसा कोई व्यक्ति नहीं दिखता, जो 43 हजार में रोजगार कर सके। मनरेगा में रोजगार देने के वादे पर चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि एक केंद्रीय मंत्री चाहते हैं कि मनरेगा मजदूरों को नौकरीपेशा माना जाए, इसके मुताबिक तो मजूदर 100 दिन तक नौकरीपेशा हैं, जबकि बाकी 265 दिन बेरोजगार। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि सच्चाई यह कि फिलहाल देश में नौकरियों नहीं हैं, सरकार भी रोजगार के नए अवसर पैदा करने में असफल है।