चेन्नई: चेन्नयन एफसी ने मंगलवार को जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में एफसी गोवा को हराते हुए दूसरी बार हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के फाइनल में जगह बना ली है। 17 मार्च को बेंगलुरू में होने वाले खिताबी मुकाबले में उसका सामना बेंगलुरू एफसी से होगा।
चेन्नई की टीम इससे पहले 2015 में भी फाइनल में पहुंची थी और चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया था। खास बात यह है कि उसने उस साल फाइनल में गोवा को ही हराया था और अब वह सेमीफाइनल में गोवा को ही हराकर दूसरी बार फाइनल में पहुची है।
चेन्नई ने स्टार स्ट्राकइर जेजे लालपेखलुवा ने दो गोल किए जबकि धनपाल गणेश ने एक गोल किया और इस तरह मेजबान मेहमानों को चौथे सीजन के दूसरे सेमीफाइनल के दूसरे चरण में 3-0 से हराया और कुल 4-1 के स्कोर के साथ फाइनल में पहुंचने में सफल रहा। दोनों टीमों के बीच गोवा में खेला गया पहले चरण का सेमीफाइनल मुकाबला 1-1 की बराबरी पर समाप्त हुआ था। जेजे के अलावा चेन्नई की इस जीत के हीरो गोलकीपर करणजीत और उसकी डिफेंस लाइन भी रहे, जिन्होंने कुछ शानदार बचाव करते हुए गोवा के मजबूत अटैक को गोल से महरूम रखा
जैसी उम्मीद थी, इस मुकाबले की शुरुआत रोचक अंदाज में हुई। मेजबान टीम पांचवें ही मिनट में आत्मघाती गोल के खतरे से उबरी। गोलपोस्ट के पास खड़े जेरी लालरिंजुआला की गलती मेजबानों को भारी पड़ सकती थी।
मेजबान टीम को 11वें मिनट में एक और खतरे से मुक्ति मिली और इस बार हेनरिक सेरेनो ने अच्छा बचाव किया। मेजबान टीम के गोलकीपर करनजीत सिंह को भी इसका श्रेय मिलना चाहिए। 13वें मिनट में मेजबान टीम के धनपाल को पीला कार्ड मिला। करनजीत ने 14वें मिनट में एक और बेहतरीन बचाव करते हुए गोवा के हमले को नाकाम किया। करनजीत की जितनी तारीफ की जाए कम है। गोला ने 16वें मिनट में भी मौका बनाया लेकिन उसे सफलता नहीं मिली।
जवाब में चेन्नई ने 21वें मिनट में एक अच्छा मौका बनाया लेकिन ग्रेगरी नेल्सन के फ्रीकिक क्रास पास पर जेजे हेडर के जरिए गोल नहीं कर सके। मेजबान टीम ने हालांकि चार मिनट बाद ही पहली सफसता हासिल की और यह सफलता उसे जेजे ने ही दिलाई। कुछ मिनट पहले ही गोल करने का एक बेहतरीन मौका गंवाने वाले जेजे ने नेल्सन के पास पर गोल करते हुए अपनी टीम को 1-0 से आगे कर दिया। गोवा का डिफेंस सोता हुआ नजर आया क्योंकि नेल्सन से पास मिलने के वक्त जेजे बिल्कुल अनमार्क्ड थे।
गोवा की टीम इस गोल के सदमे से उबर भी नहीं पाई थी कि धनपाल ने नेल्सन के पास पर गोल करते हुए चेन्नई को 2-0 से आगे कर दिया। गोवा का खराब डिफेंस उसे महंगा पड़ता दिख रहा था। धनपाल ने नेल्सन के क्रास पर हेडर के जरिए यह गोल किया। शुरुआती 20 मिनट तक गोवा की टीम हावी थी लेकिन इसके बाद चेन्नई ने मोचार् सम्भाला और पूरी तरह हावी हो गई। उसके मिडफील्डर और अग्रिम पंक्ति ने अच्छे खासे हमले किए और रक्षा का काम करनजीत ने बखूबी किया। चेन्नई का डिफेंस भी काफी मजबूत दिखा।
दो गोल खाने के बाद गोवा ने 41वें मिनट में एक बेहतरीन मूव बनाया लेकिन करनजीत ने हुगो बोउमोस और मंडार राव देसाई के सम्मिलित प्रयास को नाकाम कर दिया। करनजीत अपने जीवन के सबसे अच्छे फार्म में नजर आ रहे थे। हाफ टाइम तक मेजबान टीम 2-0 से आगे थी और उसका दूसरी बार फाइनल में जाना तय लग रहा था। दूसरे हाफ में के शुरुआती 10 मिनट में कोई बड़ा हमला नहीं हुआ। गोल की तलाश में गोवा ने 59वें मिनट में पहला बदलाव किया।
60वें मिनट में चेन्नई के रफाएल अगस्टो को पीला कार्ड मिला और फिर इसी मिनट में गोवा को हुगो को भी पीला कार्ड मिला। इसके बाद 62वें मिनट में गोवा के दो खिलाड़ियों-सेरिटोन फर्नांडेस और फेरान कोरोमिनास को पीले कार्ड मिले। 67वें मिनट में गोवा ने दो बदलाव किए। 71वें मिनट में चेन्नई ने पहला बदलाव किया।
चेन्नई की टीम हावी रही और उसके डिफेंस ने गोवा को बैकफुट पर ही रखा, लेकिन गोवा ऐसा नहीं कर पाई और जेजे ने 90वें मिनट में अपना दूसरा और टीम का तीसरा गोल दाग दिया। इस गोल से पहले जेजे चोट के कारण मैदान से बाहर गए थे लेकिन उन्होंने जल्द ही वापसी की और अपनी टीम के लिए तीसरा गोल किया।