विजयवाड़ाः देश में आम चुनावों का बिगुल बजने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को अपने अंतिम पूर्ण बजट को गांवों, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, किसानों व बुजुर्गों पर केंद्रित रखा लेकिन इसमे शहरी यानी मध्यम वर्ग के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं है। जहां मध्य वर्ग मोदी सरकार के बजट से नाखुश नजर आया वहीं उनके अपने भी इससे खफा हैं। बजट में हिमाचल, पंजाब सहित आंध्र प्रदेश को भी उपेक्षा और अपेक्षित फंड नहीं मिला।
मोदी सरकार से खफा नायडू
आंध्र प्रदेश को बजट में कुछ भी नहीं मिलने पर तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने सहयोगी भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में है। पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने पार्टी की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग को बजट के साथ जोड़कर देखा जा रहा है कि नायडू इसमें भाजपा के खिलाफ कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।
टूट सकता है गठबंधन
सूत्रों के मुताबिक नायडू फैसला ले सकते हैं कि एनडीए के साथ गठबंधन जारी रखा जाए या फिर तोड़ दिया जाए। नायडू पहले भी संकेत दे चुके हैं कि एनडीए से उनकी दोस्ती खत्म हो सकती है। नायडू ने इस मीटिंग को लेकर दिल्ली में गुरुवार को अपने सांसदों से टेलिकॉन्फ्रेंस के जरिए बातचीत की। रविवार को टीडीपी के संसदीय बोर्ड की मीटिंग भी होनी है।
वहीं टीडीपी के सांसद टीजी वेंकटेश का कहना है कि हम भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रहे हैं। हमारे पास तीन विकल्प हैं- पहला एनडीए के साथ बने रहे, दूसरा हमारे सांसद इस्तीफा दें और तीसरा गठबंधन से बाहर निकल जाएं। उन्होंने कहा कि इस पर अंतिम फैसला नायडू रविवार को करेंगे। सांसद ने कहा कि बजट में आंध्र प्रदेश के लिए फंड के आवंटन से वह बेहद असंतुष्ट हैं। अब यह भाजपा को तय करना है कि वह इस फैसले का कैसे बचाव करती है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में शिवसेना ने भी एनडीए से अलग होकर 2019 का आम चुनाव लड़ने का फैसला किया है।