Lunar Eclipse, CHandra Grahan, Astrology, Muhurat, Dos and donts

माघ शुक्ल पूर्णिमा पर 31 जनवरी को साल का पहला खग्रास चन्द्रग्रहण होगा। ग्रहण शाम 5 बजकर 18 मिनट से शुरू होगा, जो रात 8 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। ग्रहण काल कुल 3 घंटे 24 मिनट का रहेगा, हालांकि 01 घंटा 17 मिनट तक ग्रहण पूरा दिखाई देखा।

ग्रहण का मध्यकाल शाम 7 बजे होगा। वहीं ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले सुबह 8 बजकर 18 मिनट से शुरू हो जाएगा। यह चन्द्रग्रहण पूरे देशभर में दिखाई देखा। एेसे में देशभर में इसका असर रहेगा।

इस खग्रास चन्द्रग्रहण (पूर्ण चन्द्रग्रहण) को सम्पूर्ण भारत में देखा जा सकेगा। भारत के अधिकांश भागों में ग्रहण लगा हुआ चन्द्रमा ही दिखाई देना शुरू होगा। ग्रहण का मध्य और मोक्ष (समाप्त काल) पूरे भारत मे दिखाई देगा।

यह साल का पहला ग्रस्तोदित चंद्रग्रहण होगा। जो खग्रास अर्थात पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। इस ग्रहण का स्पर्श पुष्य नक्षत्र में होगा, वहीं अश्लेषा नक्षत्र में समाप्त होगा।

इस प्रकार पुष्य व अश्लेषा दोनों नक्षत्रों के साथ कर्क राशि वाले जातकों को प्रभावित करेगा।

31 जनवरी को सम्पूर्ण भारत में चंद्रग्रहण के दौरान सभी मंदिर सुबह 7-30 सूतक लगने के कारण बन्द हो जायेगे और पूरे दिन बन्द ही रहेंगे l चन्द ग्रहण के कारण आप भी ध्यान रखें, जिनके घर में मंदिर में कोई भी भगवान् विराजमान हैं वो अपने मन्दिर के उस दिन पट बंद ही रखें.

साल का सबसे पहला ग्रहण चंद्रग्रहण 31 जनवरी को लगने वाला है। यह संपूर्ण भारत में दिखाई देगा। शाम को 5 बजकर 18 मिनट पर प्रारंभ होने वाला यह ग्रहण रात्रि 8 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगा। इस तरह ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 24 मिनट होगी। इलाहाबाद (शाम 5.40), अमृतसर (शाम 5.58), बैंगलुरू (शाम 6.16), भोपाल (शाम 6.02), चंडीगढ़ (शाम 5.52), चेन्नई (शाम 6.04), कटक (शाम 5.32), देहरादून (शाम 5.47), दिल्ली (शाम 5.54), गया (शाम 5.27), हरिद्वार (शाम 5.48), मुज़फ़्फ़नगर ( शाम5.56 ) जालंधर (शाम 5.56), कोलकत्ता (शाम 5.17), लखनऊ (शाम 5.41), मुजफ्फरपुर (शाम 5.23), नागपुर (शाम 5.58), नासिक (शाम 6.22), पटना (शाम 5.26), पुणे (शाम 6.23), राँची (शाम 5.28), उदयपुर (शाम 6.15), उज्जैन (शाम 6.09), वड़ोदरा (शाम 6.21), कानपुर (शाम 5.44) (इन दिये गये स्थानों के अतिरिक्तवाले अधिकांश स्थानों में पुण्यकाल का समय लगभग शाम 5.17 से रात्रि 8.42 के बीच समझें ।)

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ग्रहण के समय पालनीय

(1) ग्रहण-वेध के पहले जिन पदार्थों में कुश या तुलसी की पत्तियाँ डाल दी जाती हैं, वे पदार्थ दूषित नहीं होते । जबकि पके हुए अन्न का त्याग करके उसे गाय, कुत्ते को डालकर नया भोजन बनाना चाहिए ।

(2) सामान्य दिन से चन्द्रग्रहण में किया गया पुण्यकर्म (जप, ध्यान, दान आदि) एक लाख गुना । यदि गंगा-जल पास में हो तो चन्द्रग्रहण में एक करोड़ गुना फलदायी होता है ।

(3) ग्रहण-काल जप, दीक्षा, मंत्र-साधना (विभिन्न देवों के निमित्त) के लिए उत्तम काल है ।

(4) ग्रहण के समय गुरुमंत्र, इष्टमंत्र अथवा भगवन्नाम जप अवश्य करें, न करने से मंत्र को मलिनता प्राप्त होती है।

यहां नजर आएगा चन्द्रग्रहण

भारत के अलावा उत्तर पूर्वी यूरोप, एशिया के अधिकांश भाग, ऑस्ट्रेलिया, पूर्वोत्तर अफ्रीका, उत्तरी एवं दक्षिणी अमेरिका आदि में यह ग्रहण दिखाई देगा।

ग्रहण एक नजर

अवस्था – समय
ग्रहण उपच्छाया प्रवेश – दोपहर 4.20 बजे
ग्रहण शुरू – शाम 5.15 बजे
पूर्णता शुरू – शाम 6.21 बजे
ग्रहण मध्य – शाम 7 बजे
पूर्णता समाप्त – शाम 7.38 बजे
ग्रहण समाप्त – रात 8.42 बजे
ग्रहण उपच्छाया अंत – रात 9.40 बजे

 

माघी पूर्णिमा स्नान

माघ शुक्ल पूर्णिमा पर 31 जनवरी को माघी पूर्णिमा स्नान भी होंगे। इस दिन राजराजेश्वरी ललिता देवी जयंती भी मनाई जाएगी। पूर्णिमा तिथि 30 जनवरी को रात 9.31 बजे शुरू होगी, जो 31 जनवरी को शाम 7.16 बजे तक रहेगी। इस दिन प्रयाग माघ मेला कल्पवास स्नान का समापन भी होगा।