रेयान स्कूल में मासूम प्रद्युम्न की गला रेतकर हत्या मामले की जांच में CBI ने एफआईआर दर्ज कर ली है। शुक्रवार शाम को CBI टीम गुड़गांव पुलिस हेडक्वॉटर पहुंची और हरियाणा पुलिस से इस केस का चार्ज लिया। आपको बता दें कि मीडिया के दबाव और प्रद्युम्न के पिता की कोशिशों की वजह से हरियाणा सरकार ने केस सीबीआई को सौंप दिया था। वहीं शुक्रवार सुबह ही प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर ने कहा था कि, ‘यदि सीबीआई मामले को अपने हाथों में नहीं लेती है, तो सोमवार को सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।’
आपको बता दें कि हरियाणा पुलिस कुछ भी दावा कर ले, मगर रेयान स्कूल में मासूम प्रद्युम्न की गला रेतकर हत्या किसने और क्यों की, यह सवाल अभी भी लोगों के मन में जस का तस बना हुआ है। इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जब प्रद्युम्न ठाकुर के घर जाकर ऐलान किया था कि अब मामले की जांच CBI को सौंपी जा रही है, तो घरवालों को यह उम्मीद लगी है कि शायद अब उनको सवाल का जवाब मिल जाएगा।
इससे पहले शुक्रवार को प्रद्युम्न के पिता वरूण ठाकुर ने कहा कि, ‘सात दिन हो गए जब हमें बताया गया था कि मामले में सीबीआई जांच शुरू हो गई है। मैंने इस संदर्भ में एक मेल और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए पीएमओ और गृहमंत्री को रिक्वेस्ट भेजी थी। तो फिर बताया जाए कि CBI जांच की प्रक्रिया कब शुरू कर रही है। मैंने एक पत्र विदेशमंत्री सुषमा स्वराज को भी भेजा है, एक मां होने के नाते शायद वो मेरा दर्द समझ सकें।’
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में वरुण ठाकुर ने तीन सवाल उठाए थे और कहा था कि मामले में तेजी से जांच कराई जाए। पीड़ित पिता और उनके वकील ने दूसरा सवाल उठाते हुए कहा कि, स्कूल के मालिक पिंटो को राजनीतिक पार्टियों द्वारा बचाने की कोशिश हो रही है? और तीसरा सवाल ये है कि केंद्र सरकार उनके रिक्वेस्ट पर जवाब क्यों नहीं दे रही है। इसके बाद शाम को CBI ने चार्ज ले लिया और एफआईआर दर्ज कर ली।
वहीं हरियाणा पुलिस दावा कर रही है कि वह मामले की तह तक पहुंच चुकी है और चार्जशीट लगभग बनकर तैयार है। मगर किसी भी केस के खुलासे का मतलब सिर्फ यह नहीं होता है कि पुलिस किसी आदमी को सामने खड़ा कर दे, जो गुनाह कबूल कर रहा हो। तहकीकात का मतलब होता है कि उस मामले से जुड़े सारे सवालों के संतोषजनक जवाब पुलिस के सामने हों।
प्रद्युम्न की हत्या में एक नहीं बल्कि कई सवाल ऐसे हैं, जिनका पुलिस ने अभी तक जवाब देने की जरूरत नहीं समझी है। प्रद्युम्न के घरवाले बार-बार यह कह रहे हैं कि कहीं उसकी हत्या इसलिए तो नहीं हो गई कि उसने कुछ ऐसा देख लिया था, जिससे भेद खुलने का डर था। कई अनसुलझे सवाल ऐसे हैं, जिसके बारे में सीबीआई को माथापच्ची करनी पड़ेगी।
प्रद्युम्न की हत्या 8 सितंबर को हुई थी। आपको बता दें कि गुड़गांव का रेयान इंटरनेशनल स्कूल भी तीन माह के लिए सरकार के अधीन रहेगा। प्रद्युम्न हत्याकांड की जांच को लेकर पहले दिन से ही उसके माता-पिता CBI जांच की मांग कर रहे थे। इस दौरान लगातार इस मामले में नए-नए खुलासे होते रहे हैं। दो दिन पहले ही इस केस की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी ने स्कूल के सारे स्टाफ से पूछताछ की थी। इसके बाद कल फिर से पूछताछ जारी रही।
आपको बता दें कि प्रद्युम्न हत्याकांड के आरोपी कंडक्टर अशोक के वकील ने दावा किया है कि इस हत्या के मामले में अशोक को फंसाया जा रहा है। इससे पहले भी अशोक की भूमिका को लेकर सवाल उठते रहे हैं। हालांकि ये भी कहा जा सकता है कि अशोक का वकील वही कर रहा है, जो बचाव पक्ष के वकील को करना चाहिए।
प्रद्युम्न की हत्या के बाद बस कंडक्टर अशोक ने पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूल किया था। मगर इस मामले में अब नया मोड़ आ गया है। दरअसल, अशोक के वकील मोहित वर्मा ने दावा किया है कि अशोक बेगुनाह है। बस कंडक्टर अशोक के वकील मोहित वर्मा का कहना है कि अशोक को इस मामले में फंसाया जा रहा है। पुलिस और स्कूल प्रबंधन ने अशोक पर दबाव बनाया और आरोप कबूल करवाने के लिए के पुलिस ने उसे बुरी तरह टार्चर किया है। इस खुलासे ने एक बार फिर इस पूरे मामले पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। अब CBI को इन सारे सवालों का जवाब खोजने का जिम्मा दिया गया है, उम्मीद यही है कि प्रद्युम्न को इंसाफ मिलेगा।