चंडीगढ़, गुरमीत राम रहीम सिंह को रेप केस में 20 साल की जेल की सजा सुनाने वाले सुनाने वाले सीबीआई जज जगदीप सिंह की सुरक्षा में लगे जवानों की संख्या बढ़ाने के साथ साथ बुलेट प्रूफ गाड़ी भी दी गई है। डीएसपी राजेश फौगाट को उनका सिक्योरिटी इंचार्ज बनाया गया है।
खबर के मुताबिक, सीबीआई जज जगदीप सिंह राम रहीम के खिलाफ पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और रणजीत सिंह मर्डर केस की सुनवाई कर रहे हैं। इस पर बहुत जल्द फैसला आने वाला है। इसे देखते हुए जज की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उनकी सुरक्षा 15 सुरक्षाकर्मी की संख्या बढ़ा क्र 60 कर दी गई है।
सीबीआई कोर्ट में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और पूर्व डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह मर्डर केस की सुनवाई की जा रही है। इसमें दोषी पाए जाने पर राम रहीम को उम्रकैद या मृत्युदंड की सजा दी जा सकती है।
रामचंद्र छत्रपति…….
सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति अपने अखबार ‘पूरा सच’ में अक्सर डेरा सच्चा सौदा में हो रहे अन्याय और अत्याचार के बारे में लिखते थे। उन्होंने अपने अखबार के जरिये राम रहीम के खिलाफ 15 वर्ष पहले साध्वी के साथ यौन शोषण का मामला उजागर किया था। डेरा में यौन शोषण का खुलासा उनके ही अखबार ने सबसे पहले किया था। अखबार में गुरमीत सिंह के आने के बाद डेरे की संपत्तियों में गुणात्मक इजाफा होने और उसकी तड़क-भड़क देखकर अनुयायियों की संख्या बढ़ने की बात छपी थी।
अखबार ने एक गुमनाम पत्र छापा था जिसमें विस्तार से बताया गया था कि किस तरह से सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय में महिलाओं का यौन उत्पीड़न होता था। इसके बाद अक्तूबर 2002 में उन्हें गोली मार दी गई। 24 अक्टूबर, 2002 को जब वो अपने कार्यालय का कार्य पूर्ण करके अपने घर आ गए थे, तब राम रहीम के लोगों ने उनपर गोलियां चलवा दी। गोली लगने के बाद वो 28 दिनों तक अस्पताल में रहे।
कुछ दिन बाद 21 नवंबर 2002 को छत्रपति की हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई। बाद में इस केस की जांच सीबीआई को सौंपी गई। इस मामले में पत्रकार का बेटा अपने पिता के कातिलों को सजा दिलवाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहा है।