कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार को फटकार लगाते हुए पश्चिम बंगाल में मूर्ति विसर्जन के मुद्दे पर प्रतिबंध लगाना सबसे आखिरी विकल्प है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा है कि, कोर्ट ने कहा कि आखिरी विकल्प का इस्तेमाल सबसे पहले क्यों, सरकार को सिलसिलेवार तरीके से कदम उठाने होंगे।
हाईकोर्ट ने कहा है कि, “सरकार को प्रतिबंध लगाना तो सभी पर क्यों नहीं लगाया। सरकार बिना आधार अधिकार का इस्तेमाल कर रही है। सरकार कैलेंडर को नहीं बदल सकती है, क्योंकि आप सत्ता में हैं इसलिए दो दिनों के लिए बलपूर्वक आस्था पर रोक नहीं लगा सकते हैं। सरकार को हर हालात के लिए तैयार रहना होगा।’
इससे पहले भी बुधवार को कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि, “आप दो समुदायों के बीच दरार पैदा क्यों कर रहे हैं। दुर्गा पूजन और मुहर्रम को लेकर राज्य में कभी ऐसे स्थिति नहीं बनी है। उन्हें साथ रहने दीजिए।”
गौरतलब है कि विसर्जन पर पाबंदी को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में ममता बनर्जी के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। याचिका मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के 23 अगस्त को किए गए ट्वीट को केंद्र में रखकर किया गया था। जिसमें दशमी के दिन 6 बजे तक ही विसर्जन की इजाजत दी गई थी।