अंटार्कटिका। वैसे तो वॉटरफॉल कहीं भी हो हमेशा सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं लेकिन अंटार्कटिका में एक वॉटरफॉल ऐसा भी है जिसे देखने के लिए सैलानियों की भीड़ नहीं जुटती। दरअसल अंटार्कटिका की मैक-मरडो की घाटी में स्थित टॉयलेर ग्लेशियर में एक ऐसा वाटरफॉल है, जिससे बहने वाले पानी का रंग खून के जैसा गाढ़ा लाल है। ऐसा कहा जाता है कि यहां कोई आत्मा निवास करती है, जो लोगों को मार देती है, जिसके कारण इसका रंग लाल है।
इस वाटरफॉल का नाम इसी कारण से ब्लड फॉल पड़ गया। यह ब्लड फॉल पांच मंजिला इमारत जितना ऊंचा है।
टॉयलर ग्लेशियर की खोज 1911 में अमरीकी जीव विज्ञानी ग्रिफिथ टॉयलर ने की थी। इसके पानी में 17 प्रकार के सूक्ष्म जीव पाए जाते हैं।
जीव विज्ञानियों के मुताबिक, ग्लेशियर के नीचे बहने वाली झील जमकर ग्लेशियर में तब्दील हो गई और ग्लेशियर में दरार पडऩे से पानी धीरे-धीरे बहता रहता है और पानी में मौजूद आयरन ऑक्साइड हवा के संपर्क में आकर लाल रंग का हो जाता है, जिससे पानी का रंग खून जैसा दिखता है।