लन्दन, 17 मई 2021
कहते हैं कि किस्मत कब किस पर बेहरबान हो जाए पता नहीं। ऐसा ही कुछ ब्रिटेन के भेड़ चराने वाले एक चरवाहे के साथ हुआ। भेड़ चराते हुए उसके हाथ एक ऐसा पत्थर लगा, जिसन उसे रातोंरात कोरड़पति बना दिया। इस चरवाहे के हाथ उल्कापिंड के दो छोटे टुकड़े हाथ लगे थे। इनकी किस्मत एक करोड़ रुपए आंकी गई थी लेकिन चरवाहे ने इसे म्यूजियम को दान में दे दिया। अंतरिक्ष से पृथ्वी पर गिरने वाले उल्कापिंड के टुकड़ों को वैज्ञानिक नजरिए से बेहद खास माना जाता है। पत्थर के ये टुकड़े ब्रह्माड से जुड़े कई रहस्य से पर्दा उठा सकते हैं।
103 ग्राम का पत्थर मिला
यूके के कॉट्सवोल्ड्स के ग्रामीण इलाके में भेड़ चराने वाले एक चरवाहे को एक मैदान से यह दुर्लभ उल्कापिंड मिला था। चरवाहे को इसके गिरने की तेज आवाज आई थी। जब वो मैदान पहुंचा वहां उसे 103 ग्राम का पत्थर मिला था। जिस चरवाहे के मैदान में पत्थर गिरा था, उसकी पहचान 57 साल के विक्टोरिया बांड के रूप में हुई। डेलीमेल की रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि सात वैज्ञानिक इसकी खोज कर रहे थे।
उल्कापिंड करीब 4 बिलियन साल पुराना है
उसने बताया कि पत्थर गिरने के बाद करीब पांच से सात वैज्ञानिक उनके घर पहुंचे थे। उन्होंने चरवाहे को पत्थर के बदले एक करोड़ रुपए देने की पेशकश की लेकिन जब चरवाहे को पता चला कि ये उल्कापिंड स्पेस की अहम जानकारी दे सकता है, तब उसने इसे डोनेट कर दिया। ये उल्कापिंड करीब 4 बिलियन साल पुराना है । ब्रिटेन में यह पिछले 30 साल में मिला पहला उल्कापिंड है। जब यह गिरा था तो नारंगी और हरे रंग का आग का गोला आसमान से गिरता देखा गया था और यह नजारा घरों में लगे सिक्यॉरिटी कैमरा में कैद हुआ था।
स्पेस रॉक का नाम ‘Winchcombe meteorite’ रखा गया है
अब 17 मई से ये पत्थर नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम में डिस्प्ले पर लगाए जाएंगे। इस स्पेस रॉक का नाम ‘Winchcombe meteorite’ रखा गया है। ये काफी रेयर उल्कापिंड है। म्यूजियम में उल्कापिंड रिसर्चर सेरा रसल ने इसे जीवन की अद्वितीय घटना बताया। उन्होंने बताया कि यह सबसे खास उल्कापिंड है जो उन्होंने देखा है। इसमें कार्बन और पानी है और माना जाता है कि इन्हीं के जरिए धरती पर जीवन आया है। उन्होंने बताया कि धरती पर जीवन की उत्पत्ति और सौर मंडल के बारे में जानने के लिए इन्हें स्टडी करना बेहद अहम है।