राजधानी में गंगा नदी पर बनने वाले दुनिया के सबसे लंबे सिक्सलेन पुल का निर्माण शुरू हो गया। कुल 67 पायों वाले पुल के निर्माण कार्य को चार वर्षों में पूरा करना है। बुधवार को कच्ची दरगाह की तरफ से पुल के पहले पाये का निर्माण शुरू किया गया है। पहला दिन पायों की ढलाई (वेल फाउंडेशन) का काम किया गया। पथ निर्माण निगम के दावे के अनुसार यह दुनिया में किसी भी नदी पर बनने वाला पहला सबसे लंबा सिक्सलेन पुल होगा।
गंगा पर बनने वाला यह राज्य का पहला सिक्सलेन पुल भी होगा। 9.76 किमी की लंबाई में बनने वाले इस पुल के निर्माण में अत्याधुनिक तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। इससे बरसात के दिनों में भी निर्माण कार्य में व्यवधान नहीं आएगा। सिर्फ गंगा के जलस्तर में भारी वृद्धि के बाद ही इसे कुछ दिनों के लिए रोका जा सकता है। परियोजना के लिए करार 10 फरवरी, 2016 को किया गया था।
इस लिहाज से इसे हर हाल में 2020 तक पूरा करना है। प्रत्येक पाये के निर्माण कार्य को पूरा करने में करीब छह महीने का समय लगेगा। काम को समय पर पूरा करने के लिए प्रत्येक 15 दिनों पर एक नये पाये का निर्माण शुरू कर देना है। प्रत्येक पाये को बनाने में 12 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
क्या है विशेषता-
पुल की लंबाई 9.76 किमी प्रस्तावित है। पथ निर्माण निगम के दावे के अनुसार यह दुनिया में किसी भी नदी पर बनने वाला पहला सबसे लंबा सिक्सलेन पुल होगा। अभी तक देश में सबसे लंबा पुल असम-अरुणाचल प्रदेश को जोडऩे वाला ब्रह्मपुत्र पुल है, जिसकी लंबाई 9.15 किमी है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल 26 मई को किया था।
विदुपुर-कच्ची दरगाह पुल के प्रत्येक स्पन की लंबाई 150 मीटर होगी। पुल के डेक की ऊंचाई गंगा के उच्चतम जलस्तर (हाइएस्ट फ्लड लेवल) से 10 मीटर अधिक होगी। यानि बड़ा से बड़ा जहाज भी पुल के नीचे से पार कर सकता है।
क्या था पुल निर्माण में देरी का कारण-
पुल निर्माण शुरू होने में देरी के पीछे जमीन का लफड़ा था। इसकी बाधा दूर हो गई तो काम शुरू कर दिया गया। पुल के लिए 313 एकड़ जमीन की जरूरत है। राज्य सरकार इसके लिए लीज पर जमीन ले रही थी, लेकिन पूरी कवायद के बावजूद जमीन नहीं मिल सकी, जबकि 45 फीसद जमीन मिलने पर ही निर्माण एजेंसी को काम की अनुमति दी जानी थी। ऐसे में आसपास की करीब 56 एकड़ जमीन जो सरकारी है, उसे उपलब्ध कराया गया। अभी एजेंसी को 186 एकड़ जमीन दी जा चुकी है।
पुल की लंबाई : 9.76 किमी
कुल लागत : पांच हजार करोड़
कुल पाये बनने हैं : 67