प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी नगरी में बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में छेड़खानी के खिलाफ शुरू हुआ बवाल अब तक नहीं थमा है। शनिवार रात में हालात और बिगड़ गए जब पुलिस ने कैंपस में घुसकर छात्र-छात्राओं पर लाठीचार्ज कर दिया था। वहीँ सीएम योगी द्वारा इस घटना की जाँच कमिश्नर को सौंपी गई थी।
वीसी दिल्ली तलब-
BHU की घटना का संज्ञान पीएम मोदी ने लिया है। उन्होंने सीएम योगी से जल्दी मामले को सुलझाने की बात कही थी। वहीँ पूरे मामले में लापरवाही और बयान के कारण वीसी की मुसीबत और बढ़ गई है। HRD मिनिस्ट्री ने वीसी गिरीश चन्द्र त्रिपाठी को दिल्ली तलब किया है। ऐसा माना जा रहा है कि वीसी छुट्टी पर भेजे जा सकते हैं। वीसी का कार्यकाल 26 अक्टूबर को ख़त्म हो रहा है। वहीँ वीसी ने कहा कि मुझे HRD मिनिस्टर ने नहीं बुलाया है और ना ही उनसे मिलने का कार्यक्रम है। EC की मीटिंग पहले से दिल्ली में तय थी। मैं यूनिवर्सिटी और स्टूडेंट्स के प्रति जवाबदेह हूं, ना कि किसी सरकारी अधिकारी के प्रति।
क्या कहा वीसी ने-
वीसी गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि छात्रों के धरने में बाहरी लोग भी शामिल थे। बाहरी उपद्रवी तत्व भी धरने में शामिल थे। उन्होंने कहा कि रे धरना स्थल पर जाने से स्थिति बिगड़ जाती है। बीएचयू के छात्र विवि का विरोध नहीं कर सकते हैं। वो मेरे विरोध में तो जरूर खड़े हो सकते हैं। मालवीय जी की प्रतिमा पर अराजक लोगों ने कालिख पोती है। उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों ने प्रतिमा पर कालिख पोती। बीएचयू परिसर में पूरा मामला सुनियोजित था। स्थल को खाली करना का कोई आदेश नहीं था। लाठीचार्ज की नैतिक जिम्मेदारी विवि प्रशासन की है। पूरे मामले की जांच उच्चस्तरीय कमेटी करेगी। पूरे बीएचयू कैंपस में सीसीटीवी लग रहे हैं। छात्रों की मांग पर सीसीटीवी लगाया जा रहा है। मेरे ढाई साल के कार्यकाल में कई बार कोशिश हुई कि माहौल बिगाड़ा जा सके।