मध्य प्रदेश के इंदौर में सामने आई खुदकुशी की सनसनीखेज घटना में एक नया खुलासा हुआ है। दोनों सहेलियां पिछले 5 साल से एक दूसरे के साथ अपने परिवार को छोड़कर रहती थी। खुदकुशी के दिन तन्वी ने दीदी-जीजा से तो रचना ने अपने पांच साल के बेटे और भाई से बात की थी। दोनों में इतनी घनिष्ठता थी कि रचना पति और बेटे को छोड़कर पांच साल से तन्वी के साथ रह रही थी। पुलिस डेटा रिकवर करवाने के लिए उनके मोबाइलों को भोपाल स्थित सायबर लैब भेजने जा रही है।
दोनों सहेलियां साथ रहती थीं। एक साथ रहने पर उन्हें खुशी मिलती थी। मगर दोनों को अपनी व्यक्तिगत जिंदगी से नफरत हो चुकी थी। एक दिन दोनों ने खौफनाक प्लान बनाया। जिंदगी जीने के लिए नहीं बल्कि छोड़ने के लिए। चाय बनाई, जहर मिलाया, जहर भरी चाय की प्याली के साथ सेल्फी ली। उससे पहले केक भी काटा। मौत का जमकर जश्न मनाया। इसके बाद हमेशा-हमेशा के लिए जिंदगी को छोड़ दिया। मौत से पहले एक सहेली ने अपने जीजा-दीदी से बात की थी, तो दूसरी सहेली ने अपने भाई और बेटे से बात की थी।
दोनों सहेलियां इंदौर के विजय नगर थाना क्षेत्र के गुरुनगर में रहती थीं। एक का नाम रचना चौधरी और दूसरी का नाम तन्वी वास्कले था। रचना धार और तन्वी बड़वानी जिले की रहने वाली थी। रचना फाइनेंस कंपनी के कॉल सेंटर में करती थी, तो वहीं तन्वी कैटरिंग का काम करती थी। रचना शादीशुदा थी। उसका एक बेटा भी था, मगर वह पति से अक्सर परेशान रहती थी। रचना और तन्वी की दोस्ती कैटरिंग के जॉब के दौरान हुई थी। इसके बाद में रचना कॉल सेंटर में जॉब करने लगी थी। तन्वी ने अभी तक शादी नहीं की थी।
ऐसे हुआ खुदकुशी का खुलासा-
पुलिस के अनुसार रचना के साथ काम करने वाले एक दोस्त ने उसे फोन लगाया, मगर उसने फोन नहीं उठाया। मंगलवार को वह दोस्त उसके घर पहुंचा। पड़ोसियों ने बताया कि रविवार से दोनों को घर के बाहर निकलते नहीं देखा। इस पर मकान मालिक को सूचना दी गई। उन्होंने आकर खिड़की से देखा, तो दोनों के शव कमरे में पड़े हुए थे। फिर तुरंत पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर लाश को अपने कब्जे में ले लिया। मौके से पुलिस को सुसाइड नोट भी प्राप्त हुआ, जिसमें 27 अगस्त की तारीख दर्ज है।
ऐसा माना जा रहा है कि 27 की देर रात या 28 की सुबह दोनों ने खुदकुशी की होगी। सुसाइड नोट में रचना ने लिखा है कि वह अपनी जिंदगी से परेशान है। अपनी खुदकुशी के लिए वह खुद जिम्मेदार है। पति से नफरत करती है। मरने के बाद उसकी लाश उसके पति के हाथ नहीं लगनी चाहिए और न ही उसका अंतिम संस्कार सुहागिन की तरह होना चाहिए। उसने अपने बेटे को मां-बाप को देने के लिए लिखा है। उसने अपने घर पर उस दिन फोन पर ये भी कहा था कि उसके बेटे को होस्टल में अकेले मत डालना।