नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) ने बुधवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की भ्रष्टाचार रोधी ईकाई (एसीयू) से तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी से जुड़े मामले में जांच करने को कहा। वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुतबिक, सीओए ने एसीयू से शमी की पत्नी हसीन जहां द्वारा दुबई में पाकिस्तानी महिला से पैसे लेने के आरोप की जांच करने को कहा है।
हसीन जहां ने इससे संबंधित एक रिकार्डिग जारी की है और सीओए ने उसी पर संज्ञान लेते हुए बीसीसीआई एसीयू को मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं। शमी की पत्नी ने उन पर विवाहेत्तर संबंध रखने, हत्या की साजिश जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। कोलकाता पुलिस अभी इस मामले की जांच कर रही है। शमी ने हालांकि अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। कोलकाता पुलिस भी बीसीसीआई से संपर्क बनाए हुए है और उसने बोर्ड से शमी की यात्राओं को विवरण मांगा है और यह भी पूछा है कि क्या उन्होंने दुबई में अपने कार्यक्रम को विस्तार दिया था या नहीं।
सीओए और बीसीसीआई ने इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी, लेकिन हसीन जहां द्वारा जारी की गई रिकार्डिग के बाद सीओए ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। हसीन जहां द्वारा जारी की गई रिकार्डिग में वह शमी से पूछ रही हैं कि वह दुबई में अलिश्बा नाम की महिला से क्यों मिले थे।
सीओए ने बोर्ड से सप्ताह भर में इस मामले में अपनी रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। सीओए ने बीसीसीआई को भेजे पत्र में लिखा है, “सीओए जारी की गई रिकार्डिग के सिर्फ उस हिस्से को लेकर चिंतित है, जिसमें तथाकथित शख्स जो अपने नाम को शमी बता रहा है और वह किसी मोहम्मद भाई का नाम ले रहा है, जिसने शमी को पाकिस्तान की लड़की अलिश्बा के माध्यम से पैसे भेजे थे।”
सीओए ने बीसीसीआई से यह पता लगाने को कहा है कि क्या मोहम्मद भाई और अलिश्बा का कोई अस्तित्व है या नहीं और शमी के पास किसी ने पैसे भेजे हैं या नहीं, और अगर ऐसा है तो क्यों है। सीओए ने पत्र में लिखा है, “बीसीसीआई की भ्रष्टाचार समिति इस मामले की जांच करे और सप्ताह भर के भीतर इस मामले में अपनी रिपोर्ट दाखिल करे।”इस विवाद के कारण ही बीसीसीआई ने शमी को केंद्रिय अनुबंध में जगह नहीं दी थी।