मधुर भंडारकर की आने वाली फिल्म ‘इंदु सरकार’ को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। अब इस मामले में पुणे मेंइस फिल्म को रोकने के लिए याचिका दायर की गई है। बता दें कि फिल्म के ट्रेलर लॉन्च के बाद से ही फिल्म को देशभर में काफी विरोध झेलना पड़ रहा है।
पुणे के सामाजिक कार्यकर्ता अनवर शेख ने इस फिल्म के खिलाफ पुणे के न्यायालय में याचिका दायर की है। इस याचिका की सुनवाई 24 जुलाई को होगी। अनवर शेख ने अपनी याचिका में कहा है कि फिल्म में 1975 में इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लगाई गई इमरजेंसी के हालात दिखाए गए हैं। अगर ये फिल्म रिलीज होती है, तो इससे इंदिरा गांधी के चाहने वालों की भावनाओं को ठेंस पहुंच सकती है। इससे आगजनी, तोड़फोड़ जैसी घटनाएं होने की भी आशंका है।
अब कुछ इस तरह कांग्रेस को जवाब देगी ‘इंदु सरकार’ की टीम
बता दें कि 16 जुलाई को फिल्म की प्रमोशन के लिए पूरी स्टारकास्ट पुणे पहुंची थी लेकिन स्टारकास्ट के वहां पहुंचने से पहले ही कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता वहां पहुंच गए। हाल ही में नागपुर में भी यही हुआ था। वहां भी प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था।
‘इंदु सरकार’ की कहानी
इसमें नील नितिन मुकेश का किरदार संजय गांधी का किरदार निभा रहें हैं। ‘इंदु सरकार’ में इमरजेंसी के दौर को दिखाया गया है। यही वजह है कि कांग्रेस इस फिल्म की रिलीज का विरोध कर रही है। अलग-अलग शहरों में फिल्म के खिलाफ होते प्रदर्शन को देखते हुए मधुर भंडारकर को अब सुरक्षा प्रदान की गई है।
हाल ही में एक कॉन्फ्रेंस में प्रिया सिंह ने कहा कि, ” वो फिल्म का ट्रेलर देख कर हैरान थीं कि एक तरफ संजय गांधी के रोल में एक आदमी कहता है ये सरकार (चाबुक) से चलती है और दूसरे सीन में एक महिला को जेल में फांसी दी जाती है और बाद में बलात्कार किया जाता है। जो पूरी तरह गुमराह करने वाला था। ट्रेलर को देखकर ये लगता है कि ये फिल्म संजय गांधी की इमेज को पूरी तरह भ्रमित करेगी। मैं संजय गांधी से मिली हुई हूं उनका स्वभाव बहुत ही जेंटल है।”