तानाशाह

40 साल तक लीबिया को रौंदने वाले लीबिया के तानाशाह कर्नल गद्दाफी का जन्म 7 जून 1942 को हुआ था। गद्दाफी जितना बेरहम और सनकी था उतना ही अय्याश भी था। लिबिया के तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी की यही पहचान थी।

लड़कियों का पागलपन इस तानाशह पर इस कदर सवार था कि उसकी आसपास रहने वाली सिक्योरिटी गार्ड भी खूबसूरत महिलाएं ही थीं और वो भी उसके हरम की शान बढ़ाया करती थी। गद्दाफी को बंदूकधारी महिलाओं को अपना बॉडीगार्ड रखने का शौक था, जिन्हें ‘किलिंग मशीन’ के नाम से जाना जाता था।

लीबिया के तानाशाह गद्दाफी के बारे में कहा जाता था कि वह बहुत ही अय्याश तबीयत का तानाशाह था और उसने दर्जनों ऐसी लड़कियों का तब अपहरण करवाया जबकि वे स्कूल जा रही होतीं या स्कूल में होती हैं। इन लड़कियों की उम्र पंद्रह वर्ष या इससे कम होती थी। कहा जाता है कि गद्‍दाफी को स्कूलों, कॉलेजों में जाने का बड़ा शौक था। इसलिए नहीं कि उसको शिक्षा से लगाव था बल्कि इसलिए कि वह इन स्कूलों, कॉलेजों में जाकर अपनी अय्याशी के लिए लड़कियों को चुनता था।

एक लड़की का पंद्रह वर्ष की उम्र में अपहरण कर लिया गया था और वह सात वर्षों तक गद्दाफी के हरम में रही। जहां उसके साथ बलात्कार, मारपीट और दुराचार होता था। उसका कहना था कि वह अरब देशों की महिलाओं की स्वतंत्रता में विश्वास रखता था, लेकिन जब वह किसी स्कूल या कॉलेज में पहुंचकर किसी एक लड़की के सिर पर हाथ रखता और वह लड़की अगले ही पल उसके हरम में पहुंचा दी जाती थी। इन लड़कियों की हैसियत सेक्स की भूख मिटाने वाली एक गुड़िया से ज्यादा कुछ नहीं होती।

मुअम्मर गद्दाफी की मौत के बाद उसके हरम से बाहर निकलने वाली कहानियों को सुनकर हर किसी का दिल दहल जाएगा। 40 साल तक लीबिया को रौंदने वाले लीबिया के तानाशाह कर्नल गद्दाफी को स्कूलों में जाने का बड़ा शौक था। उसकी मौत के बाद जब लड़कियों ने अपना मुंह खोलना शुरू किया, तो पूरा लीबिया सन्न रह गया। गद्दाफी के स्कूल जाने के शौक का राज खुल गया। लोगों को पता चला कि स्कूलों में कर्नल गद्दाफी के किसी लड़की के सिर पर हाथ रखने का मतलब क्या होता था?