नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत आसियान मैत्री रजत जयंती शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए थाईलैंड और सिंगापुर के प्रधानमंत्रियों तथा ब्रुनेई के सुल्तान के साथ आज अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकों में साझा महत्व के मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के बारे में सार्थक चर्चा की।
हैदराबाद हाऊस में सबसे पहले मोदी की मुलाकात थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओ चा से हुई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच आर्थिक एवं वाणिज्यिक आदान प्रदान, कनेक्टिविटी, रक्षा एवं सुरक्षा, सांस्कृतिक सहयोग तथा जनता के बीच आदान प्रदान बढ़ाने को लेकर रचनात्मक बातचीत हुई।
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग के साथ मोदी की आर्थिक एवं कारोबारी संबंधों, वित्तीय प्रौद्योगिकी, पर्यटन, कनेक्टिविटी और स्मार्ट सिटी आदि के क्षेत्र में सहयोग पर सार्थक चर्चा हुई है।
मोदी ने आसियान की अध्यक्षता कर रहे ली सीन लूंग के आज एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित एक लेख की सराहना की जिसमें आसियान क्षेत्र के साथ भारत के दो हजार साल से अधिक पुराने रिश्तों को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में देखा गया है।
ब्रुनेई के सुल्तान हसनल बोलाकिया के साथ रक्षा एवं सुरक्षा, ऊर्जा, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य और अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग पर सकारात्मक विचार विमर्श हुआ।
बता दें इससे पहले बुधवार को मोदी ने फिलीपीन्स, म्यांमार और विएतनाम के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं थीं।
क्या है आसियान
इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड ने साथ मिलकर दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का समूह यानी आसियान का गठन 8 अगस्त, 1967 को किया था। तब इस समूद को अंदाजा नहीं था यह संस्था अपनी अलग पहचान बना लेगी। अब तक आसियान के 31 शिखर सम्मेलन हो चुके हैं। 10 सदस्यों वाली इस संस्था का मुख्य मकसद दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में अर्थव्यवस्था, राजनीति, सुरक्षा, संस्कृति और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाना था।