नई दिल्ली, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार सुबह ही मोदी सरकार पर हमला बोला है. केजरीवाल के निशाने पर केंद्र सरकार द्वारा सिंगल ब्रांड रिटेल में 100 फीसदी एफडीआई के फैसले का विरोध किया है. दिल्ली सीएम ने ट्वीट किया कि पिछले एक साल में व्यापारियों पर तीन मार की गई हैं, जिनमें नोटबंदी फिर जीएसटी और अब एफडीआई का फैसला है. केजरीवाल ने लिखा कि छोटे और मंझले व्यापारियों के लिए तो जैसे मरने की नौबत आ गई है.
एक साल में व्यापारियों पर तीन मार – पहले नोटबंदी, फिर GST और अब FDI. छोटे और मँझले व्यापारियों के लिए तो जैसे मरने जैसी नौबत आ गयी है।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 12, 2018
गोविंदाचार्य ने भी उठाए सवाल
बीजेपी के पूर्व नेता केएन गोविंदाचार्य ने सिंगल ब्रांड केंद्र सरकार की एफडीआई नीति पर सवाल खड़े किए हैं. गोविंदाचार्य का कहना है कि इन नीतियों को लागू करने की वजह आर्थिक सुधार हैं, लेकिन इसके परिणाम गंभीर होंगे. गोविंदाचार्य का कहना है कि एफडीआई को लागू करने में राजनीति के बजाए, आर्थिक सुधारों की अहम भूमिका है. उन्होंने कहा है कि भारत के सामने ब्राजील का भी उदाहरण है, लेकिन इससे सबक नहीं लिया जा रहा है.
‘FDI पर सरकार ने लिया है यू-टर्न’
यशवंत सिन्हा ने खुदरा कारोबार में 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी देने और विभिन्न क्षेत्रों में एफडीआई नियमों को उदार बनाने को देश के लिए घातक बताया है. सिन्हा ने कहा है कि बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने इस मामले पर यू-टर्न लिया है.
किसान संघर्ष समिति के आंदोलन में शामिल होने मध्य प्रदेश पहुंचे सिन्हा ने कहा, ‘बीजेपी ने विपक्ष में रहते हुए खुदरा क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई का घोर विरोध किया था. अब केंद्र में सत्ता में आने के बाद बीजेपी सरकार ने इसे लागू कर दिया है.’
क्या है सरकार का फैसला
केन्द्र सरकार ने विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए एफडीआई नीति में अहम परिवर्तन का ऐलान किया है. केन्द्रीय कैबिनेट ने सिंगल ब्रांड रिटेल ट्रेडिंग में ऑटोमैटिक रूट के तहत 100 फीसदी एफडीआई का फैसला लिया है. वहीं ऑटोमैटिक रूट के तहत कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी 100 फीसदी एफडीआई अब संभव है. इसके साथ ही सरकार ने एयर इंडिया में भी विदेशी कंपनी को 49 फीसदी हिस्सेदारी लेने के लिए मंजूरी दे दी है.
आपको बता दें कि सरकार ने सिंगल ब्रांड रिटेल में 100 फीसदी एफडीआई की इजाजत दे दी है. बड़े उद्योगों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है तो छोटे व्यापारियों के संगठन कैट ने सरकार के इस कदम का विरोध किया है. छोटे व्यापारियों का कहना है कि इससे खुदरा क्षेत्र में बहुराष्ट्रीय कंपनियों का प्रवेश काफी आसान हो जाएगा.