संसद में नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में बताया गया कि कोई युद्ध छिड़ने की स्थिति में सेना के पास महज 10 दिन के लिए ही पर्याप्त गोला-बारूद है और अगर जंग हुई तो 10 दिन भी लगातार नहीं लड़ पाएगी भारतीय सेना। बता दें कि डोकलाम को लेकर चीन और भारत के बीच भारी तनाव की स्थिति है और यह तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक जंग के लिए पूरी तरह से सक्षम होने में भारत को अभी दो साल का समय और लगेगा। पिछले 10 महीनों में हुए रक्षा सौदों को पूरा होने में दो साल का वक्त है, इसके बाद ही भारत के पास बेहतरीन हथियार और जरूरत के हिसाब से गोला बारूद मौजूद होंगे।
सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया कुल 152 तरह के गोला-बारूद में से महज 20% यानी 31 का ही स्टॉक संतोषजनक पाया गया, जबकि 61 प्रकार के गोला बारूद का स्टॉक चिंताजनक रूप से कम पाया गया। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि मार्च 2013 तक भारत के पास गोला-बारूद के 50% प्रकार ऐसे थे जो 10 दिन के लगातार युद्ध से खत्म हो जाते। वहीं सितंबर 2016 के मुताबिक कुल गोला बारूद में से 40 फीसदी गोला बारूद संकट की स्थिति में हैं।
कैग की रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर 2016 में कुल 152 तरह के गोलाबारूद में केवल 31 ही 40 दिनों के लिए, जबकि 12 प्रकार के गोलाबारूद 30 से 40 दिनों के लिए, वहीं 26 प्रकार के गोलाबारूद 20 दिनों से थोड़ा ज्यादा वक्त के पर्याप्त पाए गए।
सीएजी की रिपोर्ट में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि साल 2013 से सेना के हथियार की गुणवत्ता और उपलब्धता बढ़ाने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है ऐसे में अगर किसी तरह से जंग की स्थिति पैदा हो जाए तो भारतीय सेना 10 दिन भी लगातार नहीं लड़ सकेगी। कैग की इस रिपोर्ट में पाया गया कि मार्च 2013 में बने रोडमैप के बावजूद इन तीन वर्षों में गोलाबारूद के रिजर्व में कोई खास सुधार नहीं देखा गया।