अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में कोर्ट ने हत्यारे पति को उम्रकैद की सजा सुना दी है। इसके अलावा उस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। साल 2010 में अनुपमा की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। हत्यारे पति ने लाश के कई टुकड़े कर उसे फ्रीजर में छिपा दिया था। लगभग 7 साल बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया है।
दिल दहला देने वाली यह घटना उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की है। अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में गुरुवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए हत्यारे पति राजेश गुलाटी को दोषी करार दिया और उसे उम्रकैद की सजा सुना दी है। राजेश को आईपीसी की धारा 302, हत्या और 201, सबूत मिटाने के आरोपों के तहत दोषी करार दिया गया है।
अदालत में अंतिम तथ्य पेश करने के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने कहा है कि राजेश गुलाटी पर हत्या की धारा नहीं बनती क्योंकि इस केस में कोई प्रत्यक्ष गवाह नहीं है। जबकि अभियोजन पक्ष ने कहा कि लाश के टुकड़े राजेश के फ्लैट से मिले थे, ऐसे में अपने आप साबित होता है कि आरोपित ने ही हत्या की है।
आपको बता दें कि यह सनसनीखेज वारदात कैंट कोतवाली क्षेत्र के प्रकाशनगर में 11 दिसंबर, 2010 को सामने आई थी। पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी यहां पर एक मकान में पत्नी अनुपमा और दो बच्चों के साथ रहता था। अनुपमा 17 अक्टूबर, 2010 को अचानक लापता हो गई थी।
बच्चों द्वारा मां के बारे में पूछे जाने पर राजेश उन्हें दो महीने तक टालता रहा। 11 दिसंबर को अनुपमा का भाई राजेश के घर पहुंचा, तो राजेश उसे घर में घुसने नहीं दे रहा था। जिसके बाद अनुपमा के भाई ने पुलिस को इसकी सूचना दी। घर की तलाशी के दौरान पुलिस को राजेश के घर में रखे डीप फ्रीजर से अनुपमा की लाश के टुकड़े प्राप्त हुए।
राजेश ने अनुपमा की लाश के 72 टुकड़े किए थे। इन टुकड़ों को वह धीरे-धीरे मसूरी के जंगलों में ठिकाने लगा रहा था। पति-पत्नी के बीच अक्सर होने वाला मामूली झगड़ा कब मारपीट में तब्दील हो गया और कब इसने खूनी रूप धारण कर लिया, पता ही नहीं चला। अनुपमा जल्लाद पति के इसी गुस्से का शिकार हुई थी।