नई दिल्ली : ADAG ग्रुप के मालिक अनिल अंबानी ने दूरसंचार क्षेत्र की खस्ता हालत का जिक्र करते हुए भविष्य में उनसे होने वाले नुकसानों के बारे में अवगत कराया है। अनिल अंबानी ने बताया कि दूरसंचार क्षेत्र जिस तरह के दौर से गुजर रहा है उससे देखकर लगता है कि वो ICCU में है और इससे देश के बैंकों समेत सरकार को भी जोखिम उठाना पड़ सकता है।
इसके साथ ही अनिल अंबानी ने एकाधिकार बाज़ार की स्थिति को लेकर भी आगाह किया है। रिलायंस ग्रुप के मालिक अनिल अंबानी ने अपने उपभोक्ताओं को ये आश्वासन दिलाया है कि साल 2018 तक (रिलायंस कम्युनिकेशन) अपनी सभी परेशानियों को खत्म कर देगा। कंपनी के इस कठिन समय में भी सभी कर्ज़दाता कंपनी पर भरोसा बनाये हुए हैं। अनिल अंबानी ने ये भी माना कि उनके भाई मुकेश अंबानी द्वारा लॉन्च रिलायंस जिओ की वजह से भी मार्केट में प्रतिस्पर्धा अधिक बढ़ गयी है।
रिलायंस कम्युनिकेशन की सालाना मीटिंग को सम्बोधित करते हुए अनिल अंबानी ने बताया कि ”जिस तरह से वायरलेस और मोबिलिटी सेक्टर की मौजूदा कंडीशन है उसको देखते हुए ये कहा जा सकता है कि इस समय उन्हें जनरल वार्ड या फिर ICU में नहीं बल्की ICCU में रखने के लायक हैं। इनकी ऐसी हालत सरकार के साथ-साथ देश के बैंकों के लिहाज से भी अच्छी नहीं है।
आपको बता दें कि इसके विपरीत आरइंफ्रा की एजीएम बैठक में अनिल अंबानी ने बताया कि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर 1 खरब की लागत वाले सिक्योरिटी प्रोजेक्ट्स के सन्दर्भ में जापानी कंपनियों के संपर्क में आने की कोशिश कर रहा है और रिलायंस नेवल के लिए आधिकारिक मुद्दों को भी लागू करने की योजना बना रहा है। अनिल अंबानी ने बताया कि किस तरह रिज़र्व बैंक के सतर्क करने के बाद से ही दूरसंचार क्षेत्र को नया कर्ज देना पूरी तरह से ही बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही अनिल ने ये भी सवाल किया कि क समय पूरी चमक के साथ काम करने वाला यह क्षेत्र अपने सेवाओं में गुणवत्ता को बरकरार रख सकता है मगर क्षेत्र को सुधरने के लिये 1,000 अरब रुपये के निवेश की आवश्यकता है।