tajmahal

शाहजहां और मुमताज की बेपनाह मुहब्बत की निशानी ताजमहल को बचाने के लिए एसएसआई ने कुछ ठोस कदम उठाने का फैसला किया है। जिसके तहत मकराना के संगमरमर से बने ताजमहल को किसी भी प्रकार के नुकसान से बचाया जा सकेगा। एक निजी चैनल की खबर के मुताबिक एएसआई ताजमहल के चारों ओर स्टील की बैरिकेटिंग लगाने पर विचार कर रहा है, ताकि ताजमहल को पर्यटकों के छूने से होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।

इसके साथ ही ताजमहल को यमुना नदी में फैला प्रदूषण और कीड़ों बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। इसके लिए समय-समय पर मड पैक और विभिन्न तत्वों का लेप चढ़ाकर इसके संरक्षण के प्रयास किए जाते रहे हैं और इसके अलावा ताजमहल की चमक और सफेदी को बरकरार रखने के लिए मुल्तानी मिट्टी का भी इस्तेमाल किया जाता है।

आपको बता दें कि ताजमहल की संगमरमर की दीवारों पर कीड़ों के प्रकोप की जांच के लिए आगरा के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन 27 मई 2016 को किया गया था। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर ये पता चला है कि यमुना में पैदा होने वाले कीडे शैवाल खाकर ताजमहल की संगमरमर की दीवारों पर उत्सर्जन क्रिया करते हैं। इसके परिणाम स्वरुप दीवारों पर हरे रंग के दाग और धब्बे बन जाते हैं।

इस समिति ने सुझाव दिया था कि कीडों को नष्ट करने के लिए प्रभावकारी कीटनाशकों के प्रयोग से बचा जाए क्योंकि कीटनाशकों के प्रयोग से यमुना एवं आसपास की पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण असंतुलन हो सकता है। वैज्ञानिकों की मदद से पारिस्थितिकी के अनुकूल तरीके से कीडों को पकड़ने के प्रयास किये जा सकते हैं।