उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज नवनिर्वाचित भाजपा सरकार को कहा है कि सरकार मांसाहारियों के हक को नहीं छीन सकती है। हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद अवैध बूचड़खानों पर सख्ती बरते जाने के मामले में कहा है कि सरकार किसी भी शख्स के नॉन वेज खाने के हक को नहीं छीन सकती है।
17 जुलाई तक सरकार निकाले हल
हाईकोर्ट ने प्रदेश के भीतर अवैध बूचड़खानों को बंद करने के मामले में कहा है कि सरकार 17 जुलाई तक इस मामले में हल लेकर आए। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में आई योगी सरकार ने अपने सबसे बड़े फैसले के तौर पर अवैध बूचड़खानों पर रोक लगाई थी। इस फैसले से जहां प्रदेश में अवैध बूचड़खाने चलाने वाले परेशान थे। वहीं छोटे-मोटे मीट और चिकन कारोबारी भी हलकान रहे। हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार को 17 मई तक हल निकालने को कहा है।
हाईकार्ट का आदेश
उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद से जहां एकतरफ अवैध बूचड़खानों पर सख्ती होने लगी है। वहीं मीट शॉप के लाइसेन्स के नवीनीकरण का भी मामला भी उठने लगा है। हाई कोर्ट ने कहा है कि सरकार मीट के कारोबारियों को लाइसेन्स जारी करे। पुराने लाइसेन्सों का नवीनीकरण करे। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि बूचड़खानों के निर्माण की जिम्मेदारी स्थानीय निकाय की है। हाईकोर्ट ने इस मामले में संबंधित विभागों और शासन से 17 जुलाई तक जानकारी मंगाई है।